मूर्तियों के अवशेष से स्वर्णरेखा के प्रदूषित होने का खतरा
दुर्गापूजा विसर्जन को तीन दिन गुजर जाने के बाद भी शहर में स्वर्णरेखा और खरकई नदियों के घाट गंदे हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : दुर्गापूजा विसर्जन को तीन दिन गुजर जाने के बाद भी शहर में स्वर्णरेखा और खरकई नदियों के घाट गंदे हैं। मूर्तियों के अवशेष से नदी का पानी प्रदूषित है लेकिन, अब तक सफाई नहीं हो पाई है। हालांकि, साकची स्वर्णरेखा घाट और भुइंयाडीह घाट पर सोमवार को सफाई का काम शुरू किया गया लेकिन, नदी के पानी से मूर्तियों के अवशेष नहीं निकाले जा सके।
शहर के नदी घाटों पर शुक्रवार को मूर्तियों का विसर्जन हुआ था। दैनिक जागरण ने जायजा लिया तो पता चला कि घाटों की स्थिति अभी भी खराब है। साकची के स्वर्णरेखा घाट पर नदी के किनारे पानी में मूर्तियों के अवशेष पड़े मिले। लकड़ियां, कपड़े, पूजा सामग्री आदि के अवशेष बिखरे पड़े हैं। यहां नदी के पानी में मूर्तियों के असंख्य अवशेष पड़े हैं। अवशेष मूर्तियों के बनाने में लगे रसायन नदी के पानी में घुल रहे हैं। यही हालत, भुइंयाडीह घाट, साकची पांडेय घाट, दोमुहानी घाट आदि की भी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नदियों से मूर्तियों के अवशेष 48 घंटे के अंदर निकालने और घाट की सफाई करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, जिला प्रशासन जमशेदपुर में इस निर्देश को अमली जामा नहीं पहना सका है। साकची स्वर्णरेखा घाट पर मौजूद सीतारामडेरा के राहुल सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन की चिंता नदी में सिर्फ मूर्ति विसर्जन कराने तक ही सीमित रही। घाटों की सफाई और मूर्तियों के अवशेष निकालने का काम नहीं किया गया।
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दो दिन नहीं कराई गई घाट की सफाई
शहर के घाटों पर शुक्रवार को मूर्ति विसर्जन हुआ था। पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश के अनुसार घाट की सफाई और नदी के पानी से मूर्तियों के अवशेष निकालने का काम शनिवार से ही शुरू हो जाना था। लेकिन, जमशेदपुर में ऐसा नहीं हो सका। जुस्को ने सोमवार को नदी घाट की सफाई का काम शुरू किया। दिन भर घाट पर सफाई की गई लेकिन, नदी के पानी से मूर्ति के अवशेष नहीं निकाले जा सके। जुस्को के कर्मचारी कैलाश माझी ने बताया कि पानी में मूर्तियों के अवशेष निकालने में दो दिन लगेंगे।