सूफी केराम की शिक्षा पर अमल करें मुसलमानरू सबाहुद्दीन
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मौजूदा हालात में मुसलमानों को सब्र और हिकमत से काम लेने की जरू
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मौजूदा हालात में मुसलमानों को सब्र और हिकमत से काम लेने की जरूरत है। मुसलमान अपने दीन के बारे में जानकारी हासिल करें और पैगंबर अकरम हजरत मोहम्मद मुस्तफा के बताए रास्ते पर चलें। यह बातें मानगो के जाकिर नगर स्थित बाग अहमद हाल में आयोजित इमाम आजम अबू हनीफा कांफ्रेंस और तसव्वुफ़ सेमिनार में मुख्य अतिथि पीर ए तरीकत सय्यद शाह मुशाहिद अज़दक चिश्ती ने कहीं। इमाम अबू हनीफा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वह फिक बड़े आलिम थे।
काफ्रेंस की अध्यक्षता पीर तरीकत हजरत डाक्टर सैयद शाह मोहम्मद तलहा रिजवी ने की। कार्यक्रम की शुरुआत कारी सरफराज उल्फत में कलाम पाक की तिलावत से की। इसके बाद मौलाना साजिद ने नात और मनकबत पेश की। फिर उलमा की तकरीर का सिलसिला शुरु हुआ। गया के मुन्ना मिया अबुल उलाइया खानकाह के सज्जादा नशीन सय्यद शाह मोहम्मद सबाहुद्दीन ने तकरीर करते हुए कहा कि सूफी केराम ने लोगों को इस्लाम और विलायत के बारे में बताकर दीन की खिदमत की है। यह सूफी केराम ही थे जिन्होंने पैगंबरे अकरम हजरत मोहम्मद मुस्तफा की शिक्षा को लोगों तक पहुंचाया। दीन की तबलीग की। उन्होंने लोगों से अपील की कि सूफी केराम की शिक्षाओं को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लें। तभी मुल्क में अमन और शाति का माहौल बन सकता है। नवादा के शेखपुरा स्थित खानकाह चिश्तिया से आए मौलाना सैयद ऐनुद्दीन चिश्ती ने इस्लामी शिक्षा के बुनियादी पहलू पर रोशनी डालते हुए कहा कि फिक्र, अकायद, तसव्वुफ़ और सुलूक यह दीनी तालीम की बुनियाद हैं। इन पर अमल करने से ही दीन मुकम्मल होता है। तहरीके पैगाम ए इस्लाम के अध्यक्ष मौलाना सैयद सैफुद्दीन असदक चिश्ती ने मौजूदा हालात में मुसलमानों को अपने अंदर दीनी बेदारी लाने की दावत दी। उन्होंने मस्जिदे पैगाम इस्लाम इस्लामिक सेंटर के मकसद के बारे में बताया कि इसके जरिए ऐसे नौजवानों को इस्लामिक शिक्षाओं से आगाह किया जाएगा जो कॉलेज और विश्वविद्यालयों से ताल्लुक रखते हैं और उनके पास मदरसा जाने का वक्त नहीं है।