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टाटा वर्कर्स उपचुनाव में सुबोध सहित आठ उम्मीदवारों ने मारी बाजी

टाटा वर्कर्स यूनियन में शनिवार को हुए उपचुनाव में पूर्व उपाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव सहित आठ उम्मीदवारों ने बाजी मारी। उपचुनाव में 99.5 प्रतिशत मतदान हुआ।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 09:43 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 09:43 PM (IST)
टाटा वर्कर्स उपचुनाव में सुबोध सहित आठ उम्मीदवारों ने मारी बाजी

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता।  टाटा वर्कर्स यूनियन में शनिवार को हुए उपचुनाव में पूर्व उपाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव सहित आठ उम्मीदवारों ने बाजी मारी। उपचुनाव में 99.5 प्रतिशत मतदान हुआ। 603 में से 600 ने किया मतदान। जबकि स्पेयर मैन्यूफैक्चरिंग से एक मतदाता ने खाली मतपत्र मतपेटी में डाला। कहा कि उन्हें दोनों में से कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है। 

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टाटा वर्कर्स यूनियन द्वारा कराए गए उपचुनाव में सुबह सात बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई जो दोपहर तीन बजे तक चली। सभी निर्वाचन क्षेत्रों के विभागीय सभागार में मतदान केंद्र बनाए गए थे। वहीं, दोपहर तीन बजे के बाद सभी मतपेटियों को पुलिस की निगरानी के बीच यूनियन कार्यालय में लाया गया। जहां शाम लगभग चार बजे से मतगणना शुरू हुई। 

समर्थकों ने होली खेलकर मनाया जीत का जश्न

जीत के बाद निर्वाचन पदाधिकारी भगवान सिंह ने सभी विजयी कमेटी मेंबरों को प्रमाण पत्र दिए। वहीं, विजयी उम्मीदवारों की घोषणा होने पर यूनियन प्रांगण में खडे समर्थकों ने जमकर होली खेलकर जीत का जश्न मनाया। हालांकि अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यूनियन द्वारा कराए गए इस उपचुनाव को ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार मान्यता देता है या नहीं?

नई प्रक्रिया से पहली बार हुआ उपचुनाव

टाटा वर्कर्स यूनियन के इतिहास में संविधान संशोधन के बाद पहली बार नई प्रक्रिया से उपचुनाव हुआ। इस कारण मामला उपश्रमायुक्त से लेकर श्रमायुक्त और ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार तक पहुंचा। एलडी-2 से कमेटी मेंबर सुभाष और ट्यूब डिवीजन के सरोज कुमार सिंह ने शिकायत की थी कि अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने संविधान के नियमों और कमेटी मेंबरों के मौलिक अधिकारों का उल्लघंन किया। दो बार के उपचुनाव की परंपरा को नजरदांज करते हुए अध्यक्ष ने खुद ही निर्वाचन पदाधिकारी और चुनाव उप समिति का गठन कर दिया। 

कौन किस खेमे में, होती रही चर्चा

विजय उम्मीदवार सत्ता पक्ष खेमे के हैं या विपक्षी खेमे से उनकी सांठ-गांठ है। जीतने के बाद इस पर भी चर्चा शुरू हो गई है। विपक्षी खेमे के कमेटी मेंबरों का दावा है कि आठ में से एक कमेटी मेंबर सत्ता पक्ष से जबकि पांच उनके साथ हैं। वहीं, दो सदस्य दोनों खेमे से नहीं है। मुख्य चुनाव आने में अभी 22 माह का समय शेष है, लेकिन कुछ कमेटी मेंबरों ने अभी से गठजोड़ का गणित शुरू कर दिया है। 

अरविंद को मात्र एक ही वोट

ए-एफ ब्लास्ट फर्नेस से अरविंद प्रसाद को मात्र एक ही वोट मिला। उन्हें किसी भी मतदाता ने एक वोट भी नहीं दिया। यहां तक कि उनके प्रस्तावक और समर्थक, जिन्होंने उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किया था, उन्होंने भी अरविंद से मुंह मोड़ लिया। अरविंद को केवल अपना वोट मिला। यहीं हाल इसी विभाग के विनय कुमार सिंह का रहा, लेकिन गनीमत रही कि उन्हें अपने अलावा मात्र एक मतदाता ने वोट दिया। 

49 मतों से जीते आकाश

हॉट स्ट्रीप मिल से एम आकाश चंद्रा सबसे ज्यादा 49 मतों से जीते। इन्होंने ही निर्वाचन पदाधिकारी भगवान सिंह से लिखित शिकायत की थी कि इनके निर्वाचन क्षेत्र में एक सीनियर मैनेजर कर्मचारियों को इन्हें वोट नहीं देने के लिए भड़का रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों ने सीनियर मैनेजर के उम्मीदवार को नकार दिया। निर्वाचन पदाधिकारी भगवान सिंह ने बताया कि मतदान के दौरान भी कोई गड़बड़ी न हो इसलिए यहां विशेष सर्तकता बरती गई। 

मुहुर्त देखकर नामांकन खरीदाने वाले पीएन कौशल, हारे

नामांकन वितरण के दिन एलडी-2 स्लैब कास्टर से पीएन कौशल ने मुहुर्त देखकर सुबह 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर तीन मिनट के बीच नामांकन पत्र खरीदा था, लेकिन पूर्व कमेटी मेंबर को इसका लाभ नहीं मिला और उनके संजय कुमार पांडेय ने उन्हें 13 मतों से हरा दिया। चर्चा है कि इसी विभाग से विरोधी खेमे के सुभाष और यूनियन के कुछ वरीय पदाधिकारी भी आते हैं, लेकिन सुभाष के विजयी उम्मीदवार के सामने पदाधिकारियों की एक नहीं चली। 

 मात्र एक मत से हारे अखिलेश

इक्यूपमेंट मेंटनेंस सर्विसेज से विनोद कुमार राम और अखिलेश कुमार सिंह के बीच कड़ी टक्कर हुई, लेकिन बिनोद मात्र एक वोट से जीतकर कमेटी मेंबर की सीढ़ी चढ़ गए। विनोद को 17 जबकि अखिलेश को 16 मत मिले। 

 दो बार के उपाध्यक्ष सुबोध जीते 

टाटा वर्कर्स यूनियन में दो बार के उपाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव उपचुनाव में बाजी मारी। स्पेयर मैन्यूफैक्चङ्क्षरग से उन्हें 37 में से 20 मत मिले। भगवान सिंह (सीनियर) के कारण सुबोध श्रीवास्तव ने फरवरी 2018 में हुआ चुनाव नहीं लड़ा था। सुबोध श्रीवास्तव राजनीति में भी सक्रिय हैं। वे सहकार भारती के केंद्रीय सदस्य व प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। वहीं, वे पूर्व वित्तमंत्री एमपी सिंह के विधायक प्रतिनिधि भी रह चुके हैं। सुबोध श्रीवास्तव, यूनियन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय और पीएन सिंह के कार्यकाल में उपाध्यक्ष थे। 

कौन कहां से जीता :

निर्वाचन संख्या 03 : ए-एफ ब्लास्ट फर्नेस

जीते : ओलियर डेविड मुंडु : 17

हारे : बिनय कुमार सिन्हा  : 14

राजेंद्र : 06

विनय कुमार सिंह : 02

निर्वाचन संख्या 05 : ए-एफ ब्लास्ट फर्नेस 

जीते : भगवान राय : 36

हारे : सुनील सिन्हा : 25

प्रवीण पांडेय : 14

किशोर कुणाल : 05

अरविंद प्रसाद : 01 

निर्वाचन संख्या 49 : प्रोक्योरमेंट एंड अदर्स

जीते : चंदन बनर्जी : 79

हारे : एम रवि कुमार : 54

सुब्रत डे : 04

निर्वाचन संख्या 68 : हॉट स्ट्रीप मिल 

जीते : एम आकाश चंद्रा : 82

हारे : मनोहर कोटल : 33

निर्वाचन संख्या 77 एलडी-2 स्लैब कास्टर 

जीते : संजय कुमार पांडेय : 49

हारे : पीएन कौशल : 36

अजय कुमार श्रीवास्तव : 12

राजेश कुमार द्विवेदी : 02

निर्वाचन संख्या : 130 इक्यूपमेंट मेंटनेंस सर्विसेज

जीते : विनोद कुमार राम : 17

हारे : अखिलेश कुमार सिन्हा : 16

संजय सिंह : 11

अरुप कुमार घोष : 02

निर्वाचन संख्या : 139 फील्ड मेंटनेंस इलेक्ट्रिकल

श्याम सुंदर गोप : निर्विरोध

निर्वाचन संख्या 149 : स्पेयर मैन्यूफैक्चङ्क्षरग

जीते : सुबोध श्रीवास्तव : 20

हारे : रंजन कुमार प्रहराज : 17

- चुनाव पूरी तरह से पारदर्शी रहा। कहीं से कोई शिकायत नहीं आई। जीतने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई।

-आर रवि प्रसाद, अध्यक्ष, टीडब्ल्यूयू

-बिना कोई विघ्न बाधा के चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। इसके लिए मैं चुनाव उप समिति के सभी सदस्यों, ट्रेड अप्रेंटिस के प्रशिक्षुओं और यूनियन कार्यालय के कर्मचारियों को बधाई देता हूं।

-भगवान सिंह, निर्वाचन पदाधिकारी 


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