सीओए की भूमिका सवालों के घेरे में : आदित्य
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट म
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले आदित्य वर्मा ने प्रशासक समिति (सीओए) को ही निशाने पर ले लिया। यह पहली मर्तबा है जब उन्होंने सीओए की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। जमशेदपुर पहुंचे आदित्य वर्मा ने कीनन स्टेडियम में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहा किअमिताभ चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में गलत हलफनामा दाखिल कर कार्यवाहक सचिव का पद हथिया लिया। यह सरासर अदालत की अवमानना है। प्रशासक समिति को इस बारे में जानकारी दे दी गई थी, लेकिन अमिताभ पर कोई कार्रवाई नहीं करना सीओए प्रमुख विनोद राय की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। बीसीसीआइ के तत्कालीन अध्यक्ष अनुराग ठाकुर व सचिव अजय शिर्के ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह बताया था कि कोई भी राज्य संघ (जिसमें झारखंड राज्य क्रिकेट संघ भी शामिल है) लोढ़ा समिति की सिफारिशें मानने को तैयार नहीं है। अदालत ने इसे अवमानना माना और अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के को पद से विमुक्त कर दिया। लेकिन लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें नहीं मानने वाले अमिताभ चौधरी को कार्यकारी सचिव बना दिया गया। एक याचिकाकर्ता होने के नाते सीओए प्रमुख विनोद राय से पूछना चाहता हूं कि रत्नाकर सेठी, एमवी श्रीधर जैसे दागी लोग बीसीसीआइ में बैठे हैं, लेकिन आपको आगाह करने के बावजूद उनपर कार्रवाई नहीं की गई। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सहित अन्य राज्यों को को रणजी खेलाने का दिया था, लेकिन इस पर आजतक बीसीसीआइ ने कोई पहल नहीं की। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में आपने अमिताभ चौधरी की तारीफ की, वह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि अमिताभ चौधरी को बीसीसीआइ से हटाने के बाद ही इसमें सुधार हो सकता है। क्योंकि चौधरी पर 193.26 करोड़ का गबन आरोप है, जो कि बिष्टुपुर थाना में मामला दर्ज है। इसमें जेएससीए के पूर्व सचिव राजेश वर्मा, कोषाध्यक्ष गोविंदो मुखर्जी व रंजीत सिंह को भी आरोपी बनाया गया है।
संवाददाता सम्मेलन में पूर्व रणजी क्रिकेटर उज्जवल दास, कुलदीप सिंह, संजय कुमार मंटू, शेषनाथ पाठक, सुप्रियो बोस, टी आनंद राव, नीरज चौहान, एनजे प्रकाश, राकेश कुमार आदि मौजूद थे।