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दिहाड़ी मजदूर बने अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज को पांच लाख की मदद

गरीबी के कारण मनरेगा में मजदूरी करने को मजबूर अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज अशोक सोरेन को खेल मंत्रालय ने सहायता राशि देने की घोषणा की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 06:41 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 06:41 PM (IST)
दिहाड़ी मजदूर बने अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज को पांच लाख की मदद

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गरीबी के कारण मनरेगा में मजदूरी करने को मजबूर अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज अशोक सोरेन को खेल मंत्रालय ने पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने ही सबसे पहले जमशेदपुर से सटे भिलाईपहाड़ी के देवघर गांव के रहने वाले अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज अशोक की स्थिति में जानकारी दी थी। इसके बाद पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अमित कुमार ने न सिर्फ अशोक सोरेन को 25 हजार की आर्थिक सहायता दी, साथ ही स्थानीय कंपनी जमना ऑटो में दस हजार की नौकरी भी लगवाई।

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अशोक को सहसा विश्वास ही नहीं हुआ

अशोक सोरेन को जब यह जानकारी दी गई, उस समय वे अपने गांव देवघर में ग्रामीण बच्चों को तीरंदाजी के गुर सिखा रहे थे। एकबारगी अशोक को विश्वास ही नहीं हुआ। उन्होंने बच्चों की ओर देखते हुए कहा, अब इन्हें बड़ा तीरंदाज बनाकर ही रहूंगा। उन्होंने कहा कि अगर मौका मिला तो एक बार फिर अभ्यास में जुट जाऊंगा।

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आर्थिक तंगी के चलते मनरेगा के तहत करने लगे मजदूरी

अशोक सोरेन केंद्र सरकार की ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के तहत मजदूर के रूप में काम कर रहे थे। मंत्रालय ने इससे पहले अर्जुन पुरस्कार प्राप्त तीरंदाज लिम्बा राम को भी बीमारी के इलाज के लिये वित्तीय सहायता दी थी। इस महीने बीमार तीरंदाज गोहेला बोरो को भी पाच लाख रूपये की सहायता दी गई।

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कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं सोरेन

अशोक सोरेन ने साल 2008 में जमशेदपुर में हुए सैफ गेम्स में उन्होंने भारत के लिए दो स्वर्ण पदक हासिल किए। इसके बाद आर्थिक तंगी और घर चलाने की मजबूरी के चलते अशोक सोरेन को तीरंदाज़ी छोड़नी पड़ी। अशोक सोरेन ने साल 2006 में राज्य स्तरीय जूनियर तीरंदाजी चैंपियनशिप में पहली बार रजत रदक जीता था। साल 2007 में राज्य स्तरीय सीनियर तीरंदाजी चैंपियनशिप में उन्हें एक स्वर्ण और दो रजत पदक मिले। अशोक सोरेन ने बचपन से ही तीरंदाज़ी शुरू कर दी थी। बाद में उन्होंने जेआरडी टाटा स्पो‌र्ट्स कॉप्लेक्स से तीरंदाज़ी का औपचारिक प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्होंने कई प्रतियोगिताओं मे हिस्सा लिया और कई पदक जीते।

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खेल मंत्री ने खुद दी जानकारी

खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने खुद इस बात की जानकारी दी है कि मंत्रालय की ओर से अशोक सोरेन को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। खेल मंत्रालय ने ने कहा कि सहायता खिलाड़ियों के लिये पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष से दी गई है। सोरेन फिलहाल काफी कठिन हालात में गुजर बसर कर रहे हैं। साल 2014 से वे मनरेगा मे मजदूरी करने लगे। इससे उन्हें साल में 100 दिन के काम की गारंटी मिल गयी।


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