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Oxygen Express: दपूरे ने 575 कंटेनर व टैंकरों से भेजा 8553 टन लिक्विड आक्सीजन, इन राज्यों में की सप्लाई

दक्षिण पूर्व रेल भी 23 अप्रैल से लगातार आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन कर रहा है। जोन के टाटानगर राउरकेला व स्टील सिटी बाेकारो से अब तक 125 आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन हो चुका है। जिनमें 575 कंटेनर व टैंकर लोड थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 05:51 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 05:51 PM (IST)
55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है आक्सीजन एक्सप्रेस।

जमशेदपुर, जासं। कोविड 19 के सेकेंड वेव में जब गंभीर संक्रमित मरीज आक्सीजन की किल्लत से अपनी जान गंवा रहे थे तब रेल मंत्रालय के आदेश पर रेलवे बोर्ड ने देश भर में आक्सीजन एक्सप्रेस की शुरुआत की। जिसके तहत उन राज्यों से लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की सप्लाई उन राज्यों में की गई जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। लोगों की जान बचाने के लिए रेलवे बोर्ड ने भी ग्रीन कॉरिडोर बनाए ताकि आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों को बिना किसी इंतजार के जल्द से जल्द प्रभावित इलाकों तक पहुंचाया जा सके।

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दक्षिण पूर्व रेल भी 23 अप्रैल से लगातार आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन कर रहा है। जोन के टाटानगर, राउरकेला व स्टील सिटी बाेकारो से अब तक 125 आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन हो चुका है। जिनमें 575 कंटेनर व टैंकर लोड थे जिसकी मदद से 12 राज्यों के विभिन्न शहरों में 8553 टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन भेजा जा चुका है। दक्षिण पूर्व रेलवे की ओर से अब तक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के अलावा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, हरियाणा, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, केरल व पंजाब में आक्सीजन एक्सप्रेस भेजा गया।

55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है आक्सीजन एक्सप्रेस

दक्षिण पूर्व रेल प्रबंधन का कहना है कि आक्सीजन एक्सप्रेस रिलीफ ट्रेन जल्द से जल्द प्रभावित राज्यों तक लिक्विड मेडिकल आक्सीजन पहुंचाए इसके लिए हमने ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण करते हुए नया बेंचमार्क स्थापित किया। इन ट्रेनों की औसत स्पीड 55 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। बिना रुके भी आक्सीजन एक्सप्रेस कई घंटे तक दौड़ती है। रेल अधिकारियों का कहना है कि कोविड 19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हमारे सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और दिन रात काम करते हुए जनता की जान बचाने के लिए अपने कर्त्तव्यों का पालन किया। रेलवे का कहना है कि कोरोना काल में रेलकर्मियों ने सेवा भावना की मिसाल पेश की है।


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