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Jamshedpur, Jharkhand: सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान की विरोधियों को खुली चुनौती, दम है तो कर लें संगत के सामने बहस

सोनारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में 19 जुलाई को निवर्तमान प्रधान तारा सिंह को ही पहली सितंबर से शुरू होने वाली नई कार्यकारिणी के लिए तीन साल के लिए फिर से प्रधान मनोनीत किया गया है। इसके बाद से सोनारी गुरुद्वारा की राजनीति में काफी उथल-पुथल हो रह है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 06:20 PM (IST)
Jamshedpur, Jharkhand: सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान की विरोधियों को खुली चुनौती, दम है तो कर लें संगत के सामने बहस
सोनारी गुरुद्वारा में मीडिया से बात करते प्रधान तारा सिंह व उपस्थित अन्य। जागरण

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता।  सोनारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में 19 जुलाई को निवर्तमान प्रधान तारा सिंह को ही पहली सितंबर से शुरू होने वाली नई कार्यकारिणी के लिए तीन साल के लिए फिर से प्रधान मनोनीत किया गया है। इसके बाद से सोनारी गुरुद्वारा की राजनीति में काफी उथल-पुथल हो रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक- दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं।

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सोमवार दोपहर प्रधान तारा सिंह ने गुरुद्वारा प्रांगण में प्रेसवार्ता बुलाई। इसमें उन्होंने अपने सभी विरोधियों को खुली चुनौती दी है। कहा है कि यदि दम है तो गुरुद्वारा प्रबंधक मामले में संगत के सामने बहस करा लें। प्रधान तारा सिंह ने स्पष्ट कहा कि पूर्व प्रधान ने जिस रास्ते पर चलते हुए हमें राह दिखाई, हम उसी रास्ते पर चल रहे हैं। तारा सिंह ने फिर से स्पष्ट किया कि कोविड 19 के कारण चुनाव पर रोक है। ऐसे में 19 जुलाई को संगत की उपस्थिति में वाहे गुरु जी का खालसा के जयकारे के साथ उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा प्रेसवार्ता में तारा सिंह ने पूर्व प्रधान गुरुदयाल सिंह द्वारा लगाए गए 20 आरोपों का जवाब दिया। कहा कि सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। साथ ही तारा सिंह ने भी आरोप लगाया कि एक सितंबर 2018 को जब उन्हें प्रधान पद की जिम्मेदारी मिली है उसके बाद से गुरुदयाल सिंह ने अवैध रूप से समानांतर कमेटी के रूप में गुरु राम दास सेवा दल का गठन किया।

गुरुदयाल सिंह पर लगाए ये आरोप

साथ ही इस संगठन के माध्यम से अवैध रूप से चंदा वसूली कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि गुरुदयाल सिंह जब साढ़े आठ वर्षों से प्रधान पद पर थे तब उन्होंने उक्त कमेटी का गठन कर प्रकाश पर्व क्यों नहीं मनाया। तारा सिंह का कहना है कि सोनारी गुरुद्वारा में 500 से अधिक परिवार हैं लेकिन गुरुदयाल सिंह 10-20 लोगों के हस्ताक्षर से अपना संविधान बनाकर विरोध की राजनीति कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने सभी संगत से भी अपनी की है कि इन्हें चंदा न दें। प्रेसवार्ता में उपाध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह, सरदार बलवंत सिंह, सरदार मन्नू सिंह व सरदार मलिंदर सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

झूठों का बादशाह है तारा सिंह : गुरुदयाल

पूरे मामले में बयान जारी करते हुए सोनारी गुरुद्वारा के पूर्व प्रधान गुरुदयाल सिंह ने तारा सिंह को फर्जी प्रधान बताते हुए झूठों का बादशाह बताया। कहा कि इनका एकमात्र उद्देश्य किसी न किसी बहाने गुरुद्वारा कमेटी पर कब्जा जमाना है ताकि अपने गलत मंसूबों को अंजाम दे सके। उन्होंने कहा कि 2010-12 के चुनाव में सीजीपीसी के पूर्व प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह ने संगत और ट्रस्टी से सहमति बनाकर उन्हें प्रधान बनाया था जबकि 2012 में उन्होंने सरदार सुखबीर को 150 मताें से हराया था। 2013 में ट्रस्टियों ने खुद ही अपने पद से इस्तीफा दिया था। गुरुदयाल का कहा है कि देश-विदेश से जो भी चंदा मिला है वे सभी गुरुद्वारा कमेटी के खाते में जमा हुए हैं न कि मेरे। तारा सिंह चाहे तो जांच करवा लें। उन्होंने कहा कि एक तरफ तारा सिंह एसडीओ की उपस्थिति में चुनाव कराने की बात कहते हैं तो दूसरी ओर खुद को प्रधान मनोनीत कराते हैं। चार साल पहले तारा सिंह ने खुद कहा था कि वे गुरुदयाल से बात नहीं करेंगे। निर्णय चुनाव कमेटी द्वारा होगा, लेकिन अब खुली चुनौती देने का ढ़ोंग कर रहे हैं। गुरुदयाल ने दावा किया कि तारा सिंह गिल को अच्छी तरह मालूम है कि संगत उससे नाराज है और उसकी बुरी तरह हार होगी। वह इसलिए चुनाव से भाग रहा है।


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