डेढ़ लाख का इंतजाम हो तो टूटें जेल की बेड़ियां
पड़ोसी के बच्चे के अपहरण की सजायाफ्ता टेल्को प्रेमनगर की रेखा जमानत होने के बावजूद अब तक डेढ़ लाख रुपये के कारण जेल से नहीं निकल पायी है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पड़ोसी के बच्चे के अपहरण की सजायाफ्ता टेल्को प्रेमनगर की रेखा देवी को दो माह पहले इस शर्त पर जमानत मिली थी कि अपहृत बच्चे के परिवार को मुआवजा स्वरूप डेढ़ लाख रुपये देना होगा। रकम नहीं होने के कारण रेखा घाघीडीह सेंट्रल जेल से रिहा नहीं हो पा रही हैं। जिस दिन वह राशि जमा कर देंगी, उसकी रिहाई हो जाएगी। फिलहाल उसे किसी मददगार का इंतजार है। वह जेल प्रशासन के अधिकारियों से रिहाई को लेकर चर्चा करती हैं, लेकिन बात नहीं बन पा रही है। गांधी जयंती पर बंदियों की रिहाई केंद्र सरकार के निर्णय से रेखा को भी रिहाई की आस है।
रेखा मूल रूप से बिहार के नालंदा जिले के जहांगीरपुर की रहने वाली हैं। रेखा ने टेल्को प्रेमनगर रोड नंबर दो से पांच वर्षीय बच्चे आनंद कुमार का दो लाख रुपये की फिरौती के लिए 2011 में अपहरण कर लिया था। खोजबीन के बाद पुलिस ने बच्चे को रेखा के नालंदा स्थित आवास से बरामद किया था। उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। अदालत ने 2014 में रेखा को अपहरण के मामले में दोषी पाते हुए उम्रकैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। चार वर्ष से रेखा जेल में हैं। तीन माह पहले रेखा ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की। उसे जमानत इस शर्त पर मिली कि बच्चे के परिवार को डेढ़ लाख रुपये मुआवजा स्वरूप भुगतान करना होगा।
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जमानत मिली, मुआवजा भी माफ पर जमानतदार नहीं
सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ प्रखंड के शंकरडीह की सविता कुमारी सौतन की हत्या के आरोप में सजायाफ्ता हैं। वह मूल रूप से बिहार के मधेपुरा जिले की रहने वाली हैं। सविता ने 2010 में सौतन की हत्या कर दी थी। अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। तबसे वह घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद हैं। सविता ने ऊपरी अदालत से जमानत की गुहार लगाई। अदालत ने सविता को 75 हजार रुपये मुआवजा स्वरूप सौतन की बेटी को देने को जमानत की शर्त रखी। रुपये का जुगाड़ नहीं हुआ। दो माह पहले सविता के पति जितेन दास की भी मौत हो गई। अब सविता का कोई नहीं रहा। मुआवजा राशि को भी माफ कर दिया गया, लेकिन जमानतदार नहीं मिलने के कारण सविता रिहा नहीं हो पा रही हैं।