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ग्रामसभा का अजीबोगरीब फरमान : झारखंड के गोइलकेरा में तीन इसाई परिवारों का सामाजिक बहिष्कार

सरना धर्म नहीं अपनाने पर तीन इसाई परिवारों को गांव से बाहर करने का फरमान जारी किया गया है। कुएं से पानी लेने सड़क का इस्तेमाल और सरकारी राशन लेने पर प्रतिबंध लगाया है। -

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 02:47 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 02:47 PM (IST)
ग्रामसभा का अजीबोगरीब फरमान : झारखंड के गोइलकेरा में तीन इसाई परिवारों का सामाजिक बहिष्कार

चाईबासा, जासं। झारखंड में पश्चिमी सिंहभूम के गोइलकेरा में ईसाई धर्म में परिवर्तित हुए तीन आदिवासी परिवारों का गांव में सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है। इन परिवारों को सभी मौलिक सुविधाएं से वंचित करते हुए गांव छोड़ने की धमकी दी जा रही है। गांव नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी और जमीन से बेदखल करने कीचेतावनी दी जा रही है।

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इतना ही नहीं इन परिवारों को कुआं से पानी लाने पर रोक लगा दी गयी है। सरकारी राशन दुकान से राशन नहीं देने का भी फरमान जारी हुआ है। मामला गोइलकेरा प्रखंड के रघुनाथपुर गांव का है। दहशत में आये तीनों परिवारों ने जान-माल की रक्षा और मौलिक सुविधाएं बहाल कराने के लिए चाईबासा के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा से गुहार लगायी है। बुधवार को चाईबासा में पुलिस अधीक्षक से मिलने पहुंचे पीड़ित परिवारों ने स्वयं पर हो रही प्रताड़ना के बारे में बताया। 

30 सितंबर को ग्रामसभा कर ग्रामीण मुंडा ने जारी किया बहिष्कार का फरमान

पीड़ित रामलाल गुन्दुवा, मंजु गुन्दुवा, गदाधर पुरती, मुगली पुरती, मानी कुई, दशमी पुरती ने संयुक्त रूप से बताया कि हम लोग अल्पसंख्यक इसाई समुदाय से हैं। हम लोग गांव में अपने धार्मिक विधि-विधान के साथ एकजुटता और प्रेम से अपने-अपने परिवारों के साथ जीवन व्यतीत करते आ रहे हैं। बीती 30 सितंबर को ग्रामीण मुंडा मनदाता नायक के नेतृत्व में ग्रामसभा रखी गयी थी। इसमें गांव के सुरजु बोयपाई, गंगाराम बोयपाई, बेरगा बोयपाई, बिरसा बोयपाई, सालुका गुन्दुवा, बेरमा गुन्दुवा और सुखदेव बोयपाई मौजूद थे। ग्रामसभा में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के सभी लोगों को सामाजिक बहिष्कार करते हुए सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित कर उनकी संपत्ति पर अपना कब्जा करने और उसके उपभोग करने पर सहमति बनी। 

ग्रामसभा के बाद इसाई परिवारों के घर में घुसकर की गयी मारपीट

ग्राम सभा खत्म होने के बाद गांव के ही बाबूराम गुन्दुवा और सुरजु बोयपाई इसाई समुदाय के लोगों के घर आकर अकारण जबरन मारपीट करते हुए अपशब्द कहने लगे। छेड़खानी करते हुए सपरिवार जल्द ही गांव छोड़ देने की हिदायत दी। गांव नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी। फिर 9 नवंबर को रामलाल गुन्दुवा अपने परिवार सहित धान की फसल काट रहा था। उसी समय गांव के ही सालुका गुन्दुवा, आरती बोयपाई, मानी बोयपाई, रासबिहारी बोयपाई, गुरुवारी गुन्दुवा, लक्ष्मी गुन्दुवा, आदि खेत में काट के रखे गये धान को जबरन लूटकर अपने घर ले गये। जब इसकी सूचना ग्रामीण मुंडा को दी तो उसने 10 नवंबर को गांव में बैठक बुलाई। 

मुंडा ने कहा, सरना धर्म अपना लो, मिल जायेगी प्रतिबंध से मुक्ति

पीड़‍ितों ने बताया कि बैठक में ग्रामीण मुंडा ने हम लोगों को पैसे का लालच दिया। कहा कि सरना में लौटने पर सभी प्रतिबंधों से मुक्ति मिल जायेगी। वर्तमान में हम लोगों को जान से मारने की धमकी, जमीन से बेदखल करने, घर जला देने, राशन कार्ड से चावल न देने, जलस्रोतों से पानी न लेने की धमकी सहित हमारे बच्चों एवं अन्य जरूरी दस्तावेज पर हस्ताक्षर एवं अभिप्रमाणित न करने, मालगुजारी रसीद आदि नहीं दी जा रही है।

1 किलोमीटर दूर चुआं से लाना पड़ रहा पानी, जंगल के रास्ते कर रहे पीड़ित परिवार आना-जाना

जलस्रोतों से पानी लेने पर प्रतिबंध लगा देने के कारण हम लोग एक किलोमीटर दूर चुआं से पानी लाकर इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें गांव के रास्ते पर चलने से भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस कारण बीहड़ जंगल के रास्ते का प्रयोग करना पड़ रहा है। ग्रामीण मुंडा ने फरमान जारी किया है कि इसाई धर्म वालों को सरकारी राशन दुकान से राशन न दिया जाये। इस कारण हम लोगों को गांव से दूर अन्य गैर सरकारी या व्यक्तिगत दुकान से राशन खरीदना पड़ रहा है। ग्रामीण मुंडा हमारे बच्चों की शिक्षा-दिक्षा के लिए एवं अन्य कार्यों के लिए जरूरी दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर व अभिप्रामणित नहीं कर रहे। मुंडा हम लोगों का खतियान जबरन लेकर जमीन से भी बेदखल कर रहा है। उक्त जमीन में जो भी फसल है उसे कब्जे में ले रहा है। हमारे पशुओं को चारागाह में चरने पर भी प्रतिबंध है। हमारे समुदाय के किसी भी सदस्य के निधन पर उसे दफनाने या गाड़ने भी नहीं देने की बात ग्रामीण मुंडा ने कही है। पीड़ित परिवारों ने पुलिस अधीक्षक से ग्रामीण मुंडा को बर्खास्त कर मदद की गुहार लगायी है।


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