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कौशल विकास की हकीकत कर देगी हलकान, देखना हो तो जमशेदपुर आइए

कौशल विकास की हकीकत हलकान करने वाली है। भारी-भरकम खर्च कर बिल्डिंग तो बना दिए गए, लेकिन इसका उपयोग करना भूल गए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 12:54 PM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 12:54 PM (IST)
कौशल विकास की हकीकत कर देगी हलकान, देखना हो तो जमशेदपुर आइए

जमशेदपुर[ वीरेंद्र ओझा]। कौशल विकास की हकीकत हलकान करने वाली है। भारी-भरकम खर्च कर बिल्डिंग तो बना दिए गए, लेकिन इसका उपयोग करना भूल गए। आलम है कि मूल मकसद दफन हो गया है। झारखंड सरकार के मंत्री को भी यह स्वीकार करने में गुरेज नहीं कि कौशल विकास की योजना कागजी योजना बनकर रह गई है। 

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कौशल विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी जगह-जगह प्रशिक्षण केंद्र खोल रही है। इसी कड़ी में पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने भी जगह-जगह कौशल विकास केंद्र बनाए हैं, जिसमें मेरीन ड्राइव से सटे कदमा में भी एक केंद्र बना था। दो साल पहले करोड़ों की लागत से बना यह भवन खुलने से पहले ही बंद हो गया है। नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन ने इस भवन का उपयोग करने से मना कर दिया है।

बेसिन से लेकर नल चली गई चोरी

इस बहुद्देशीय दोमंजिला भवन के निचले हिस्से में महिला-पुरुष के लिए 6-6 शौचालय व स्नानागार हैं, तो दूसरी ओर तीन दुकानें हैं। ऊपरी मंजिल में प्रशिक्षण केंद्र चलना था, लेकिन उद्घाटन की बाट जोहते-जोहते यह भवन ही बेकार हो गया है। टाइल्स लगे अत्याधुनिक टायलेट के बेसिन से लेकर नल तक चोरी हो गए हैं, जबकि स्नानागार समेत अन्य कमरों का दुरुपयोग हो रहा है। भवन के पास खटाल चल रहा है। आसपास के लोगों को अब भी इंतजार है कि यह केंद्र या भवन खुलेगा तो उन्हें रोजगार मिलेगा।

अब बनेगा मेगा ट्रेनिंग सेंटर

नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन के तहत अब जमशेदपुर में मेगा ट्रेनिंग सेंटर खुलेगा। इसके लिए कम से कम 15000 वर्गफुट जमीन की तलाश हो रही है। मेगा सेंटर जमशेदपुर के अलावा रांची और धनबाद में खुलना है। दो वर्ष पूर्व मिशन ने 1500 वर्गफुट में सेंटर खोलने की अनुमति दी थी, जिसे अब रद कर दिया गया है। इसके साथ ही एक और केंद्र सीतारामडेरा में खुला था, जो चल रहा है। 

ये कहते हैं मंत्री सरयू राय

मेरी अनुशंसा पर ही जिला प्रशासन ने जमशेदपुर अक्षेस से कौशल विकास केंद्र बनाया था, लेकिन नहीं खुला। उन्होंने इसे खोलने के लिए उपायुक्त से कई बार कहा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह केंद्रीय योजना है और मुझे कहने में हिचक नहीं कि कागजी योजना बनकर रह गई है। योजना के बुरे अंजाम के लिए अधिकारी ही कसूरवार हैं। देखना तो होगा ही कि प्रचार-प्रसार के उलट जमीन पर क्या स्थिति है।  

 ये भी जानें

-56 : लाख की लागत से शुरू हुआ था प्रोजेक्ट

-2014 : में शुरू हुआ था बहुद्देशीय भवन का निर्माण

-2016 : में तैयार हो गया था कौशल विकास केंद्र 


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