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जमीन विवाद में भरी पंचायत में सुकना बस्ती में हुई थी हत्या, छह दोषी करार Jamshedpur News

जमीन विवाद में भरी पंचायत में सुकना बस्ती में राकेश सिंह की हत्या हुई थी। अदालत ने हत्याकांड में छह लोगों को दोषी करार दिया है। 26 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 10:49 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 10:49 AM (IST)
जमीन विवाद में भरी पंचायत में सुकना बस्ती में हुई थी हत्या, छह दोषी करार Jamshedpur News
जमीन विवाद में भरी पंचायत में सुकना बस्ती में हुई थी हत्या, छह दोषी करार Jamshedpur News

 जमशेदपुर, जासं। एमजीएम थाना क्षेत्र के सुकना बस्ती में जमीन का एक विवाद सुलझाने गए भाजपा नेता राजेश सिंह के भाई राकेश सिंह की हत्या के मामले में अदालत ने पांच आरोपितों को दोषी करार दे दिया है। इन पांच आरोपितों में सुकना बस्ती के लक्खू तंतूबाई, सुनील रजक, राजेश गोराई, तारक मुखर्जी, राजेश शर्मा और मिंटू यादव हैं। इन पांचों आरोपितों को एडीजे 9 की अदालत ने दोषी पाया है। अदालत 26 नवंबर को सजा सुनाएगी। 

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सात अक्टूबर 2015 को शाम पांच बजे सुकना बस्ती में हुए एक जमीन विवाद को सुलझाने के लिए होने वाली पंचायत में मानगो के तत्कालीन भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह और उनके भाई राकेश सिंह गए थे। यहां पंचायत के दौरान दोनों पक्षों में विवाद हो गया था। इस विवाद में राजेश सिंह और राकेश सिंह को हमलावरों ने लाठी-डंडा और तलवार से घायल कर दिया था। दोनों घायलों को टाटा मेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां राकेश सिंह ने तीन दिन बाद दम तोड़ दिया था। इसके बाद मामले में हत्या का मुकदमा चला। गोपाल गोराई के आवेदन पर पुलिस ने राजेश शर्मा, मिंटू यादव, लक्खू तंतूबाई, राजेश गोराई, तारक मुखर्जी और सुनील रजक के एफआइआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था। इसी मामले में फैसला आया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फास्ट ट्रैक में मुकदमा चलाने का आदेश 

हाईकोर्ट में आरोपितों की जमानत के लिए दाखिल याचिका को निरस्त कर दिया था। इसके बाद आरोपितों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी जमानत तो नहीं दी लेकिन, निचली अदालत को इस मामले को फास्ट ट्रैक  कोर्ट में मुकदमा चलाकर जल्द निस्तारित करने का आदेश दिया था। तब मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला था। 

मुकदमे में 11 की गवाही, बचाव पक्ष से तीन गवाह 

इस मुकदमे में कुल 11 लोगों की गवाही हुई है। इसमें से तीन गवाह बचाव पक्ष की तरफ से पेश किए गए। बाकी गवाहों की गवाही पुलिस ने कराई। आरोपित पक्ष की तरफ से अधिवक्ता प्रकाश झा, तापस मित्रा, केएम सिंह और दिल्ली से आए अधिवक्ता मो. नियाजी ने बहस की। 

चार कट्ठा जमीन को लेकर गई थी जान

मानगो की सुकना बस्ती के रहने वाले पूना गोराई की जमीन बेच दी गई। इसे शिवपूजन गोराई और रवींद्र तिवारी ने खरीदा था। पूना गोराई ने कहा कि जमीन उसने बेची नहीं। पूना की पत्नी प्रमिला गोराई ने शिवपूजन व रवींद्र तिवारी के खिलाफ अदालत में धोखाधड़ी का केस कर दिया। इसी विवाद को खत्म करने के लिए सात अक्टूबर 2015 को सुकना बस्ती में पंचायत हुई। इसी पंचायत में भाजपा मानगो मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष राजेश सिंह और उनके भाई राकेश सिंह पहुंचे थे। 


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