Jamshedpur Shivam Murder Case : हैवानियत की पराकाष्ठा है रिश्ते के कत्ल की यह कहानी, आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे
मासूम शिवम शौर्य उर्फ ओम हत्या रोंगटे खड़े करनेवाली है। रिश्ते के कत्ल की यह कहानी हैवानियत की पराकाष्ठा है। मृतक माता-पिता का एकलौता पुत्र था। घटना के दो दिन बाद उसका जन्मदिन था। अभियुक्त के माता-पिता और भाई आदित्यपुर के बाबाकुटी में रहते हैं।
जासं, जमशेदपुर : हत्यारे मामा को अब सजा मिलेगी। जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश आभाष वर्मा की अदालत ने तीन वर्षीय शिवम शौर्य उर्फ ओम की नृशंस हत्या करने के आरोपित मामा अनिकेत झा उर्फ आशुतोष झा उर्फ मुन्ना झा को दोषी करार दिया है। सजा के विंदु पर अदालत 24 जनवरी को फैसला सुनाएगी।
घाघीडीह सेंट्रल जेल से अभियुक्त की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेशी कराई गई। जानकारी बचाव पक्ष के अधिवक्ता गुड्डू हैदर ने दी। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक अमर कुमार चौधरी मामले में पक्ष रख रहे थे। गुड्डू हैदर को जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) ओर से प्रतिनियुक्त किया गया था। अभियुक्त मूल रूप से बिहार के सहरसा जिले के खंजूरी ग्राम का निवासी है। उसके खिलाफ शिवम शाैर्य के पिता कदमा रामजनम नगर निवासी धमेंद्र कुमार मिश्रा उर्फ सोनू ने कदमा थाना में 12 दिसंबर 2018 को उसके पुत्र का बहला-फुसलाकर अपहरण कर हत्या कर दिए जाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
माता-पिता की इकलौती संतान था शिवम
मृतक माता-पिता का एकलौता पुत्र था। घटना के दो दिन बाद उसका जन्मदिन था। अभियुक्त के माता-पिता और भाई आदित्यपुर के बाबाकुटी में रहते हैं। जिले के तत्कालीन एसएसपी अनूप बिरथरे, सिटी एसपी प्रभात कुमार और कदमा के तत्कालीन थाना प्रभारी की आरोपित की गिरफ्तारी में अहम भूमिका रही थी।
हैवानियत की पराकाष्ठा
मासूम शिवम शौर्य उर्फ ओम हत्या रोंगटे खड़े करनेवाली है। रिश्ते के कत्ल की यह कहानी हैवानियत की पराकाष्ठा है। घटना के दिन 12 दिसंबर को करीब दो बजे अनिकेत झा ने अपने बहनोई धर्मेद्र मिश्र के साथ भोजन किया। बहनोई के डयूटी जाने के बाद वह मोबाइल पर गेम खेलने लगा। भांजा शिवम दूसरे कमरे में खेल रहा था, जबकि बहन शारदा कपड़े धो रही थी। इस बीच भांजे के रोने की आवाज सुन बाथरूम से निकल कर बहन ने उसे डांटा। इससे वह आवेश में आ गया और मौका मिलते ही बच्चे को कुरकुरे खिलाने के बहाने घर से अपहरण कर ले गया। रात के आठ बजे उसने निर्माणाधीन फ्लैट के पांचवे तल्ले से उसे फेंक दिया था। इसके बाद पत्थर से भांजे के पेट पर कई प्रहार किए थे। उसके हाथ मरोड़ दिए थे। उसे तड़पाकर मारा था। डंपर के नीचे शव रखकर भाग निकला था। इससे पहले उसने भांजे को स्वर्णरेखा व खरकई नदी में फेंकने की भी कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं कर पाया था।
हत्या के बाद भाग गया था मुंबइ
हत्या के बाद वह ट्रेन से मुंबई भाग गया था, लेकिन दूसरे ही दिन मुंबई से लौट आया और घर आदित्यपुर में छिप गया जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था।
बहन से बदला लेने के लिए भांजे को मारा
जिस दिन शिवम शौर्य का शव मिला उस दिन हर किसी के जेहन में यह सवाल था कि अपने ही मामा ने ऐसी हैवानियत क्यों की? गिरफ्तारी के बाद आरोपित मामा ने इसका भी जवाब दे दिया। उसने बताया कि बहन से पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए उसने अपने भांजे को मार डाला। भांजे की हत्या की बात स्वीकारते हुए उसने बताया कि जून 2012 में उसकी बहन शारदा मिश्र उर्फ रजनी मिश्र उसे जबरदस्ती उसके पैतृक गांव खजुरी, सहरसा (बिहार) भेजना चाह रही थी। वह गांव जाना नहीं चाहता था। उसी समय गुस्से में आकर उसने बहन को हंसुआ मारकर घायल कर दिया था।
बहन को भी घर दिया था घायल
काफी दिनों तक बहन टीएमएच में भर्ती थी। इसके बाद से पूरा परिवार उससे (आशुतोष से) नफरत करने लगा। इसी बीच वह मैट्रिक में तीन बार फेल भी हो गया था। इसके बाद परिवार के लोग उसे बात-बात पर अपमानित करने लगे थे। 12 दिसंबर को भी बहन ने भांजे के रोने पर उसे भला-बुरा कहा था। जब से भांजा हुआ था तब से माता-पिता समेत सभी का भांजे से लगाव हो गया था उसे हीनता हो गई थी, तभी से वह अपनी बहन व परिवार से बदला लेने की फिराक में था।