सवा तीन लाख में बिके शेरा, रंगा व हीरो बकरे
ईदुज्जोहा का त्योहार 12 अगस्त को है। इसे लेकर आमबगान की बकरा मंडी गुलजार हो गई है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : ईदुज्जोहा का त्योहार 12 अगस्त को है। इसे लेकर आमबगान की बकरा मंडी गुलजार हो गई है। रविवार को यहां इलाहाबाद से लेकर पंजाब के भटिंडा व मलेरकोटला व राजस्थान के गंगानगर से लाए गए बकरों की खूब खरीद-फरोख्त हुई। बीटल नस्ल के तीन पंजाबी बकरे शेरा, रंगा और हीरो तीन लाख 20 हजार रुपये में बिके। इसके पहले राजस्थान के गंगानगर से आए इसी नस्ल के तीन बकरे दो लाख 80 हजार रुपये में बिके थे।
गोलमुरी के मो. ताजुद्दीन गौरी बकरों के शौकीन हैं। इस साल वो राजस्थान के गंगानगर और पंजाब के मलेरकोटला व भटिंडा से कई बकरे लाए हैं। दोपहर को इनके तीन बकरे गोलमुरी के इमरान ने दो लाख 80 हजार रुपये में खरीदे। इमरान इन बकरों की लगातार तीन दिन तक कुर्बानी करेंगे। ताजुद्दीन के तीन पंजाबी बकरों शेरा, रंगा व हीरो को गोलमुरी के ही हाफिज खान ने तीन लाख 20 हजार रुपये में खरीदा। ताज के अलावा टेल्को, मानगो, धतकीडीह, जुगसलाई, मकदमपुर आदि इलाकों के कारोबारी भी बेचने के लिए पंजाबी और राजस्थानी बकरे लाए हैं। ऊंची कद-काठी के ये बकरे 115 किलो से 150 किलो वजन तक के हैं। इनकी कीमत का राज रंग और खूबसूरती है।
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इलाहाबाद से आए हैं तीन ट्रक बकरे
इलाहाबाद से तीन ट्रक बकरे लेकर कारोबारी आए हैं। इनके बकरों की कीमत 10 हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये के बीच है। ये बकरे इलाहाबाद के करछना इलाके से आए हैं। ये कारोबारी हर साल बकरा लेकर जमशेदपुर आते हैं।
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कोल्हान के जंगली बकरे सबसे सस्ते
कोल्हान के भी बकरे मौजूद हैं। ये बकरे पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां आदि जिलों के ग्रामीण इलाकों से बिकने के लिए आए हैं। इन बकरों को जंगली बकरा कहा जाता है। काले रंग और छोटी कद-काठी वाले ये बकरे आठ हजार रुपये से 12 हजार रुपये के बीच मिल रहे हैं।
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पहले दिन लाखों का कारोबार
बकरीद का चांद नजर आने के बाद आमबगान का बकरा बाजार शबाब पर है। रविवार को यहां पहले ही दिन 700 से अधिक बकरे बिके। बकरा बाजार के कारोबारी मानगो के शकील ने बताया कि पहले ही दिन लाखों का कारोबार हुआ है।