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मल्टी टास्किंग नहीं, एक बार में करें एक काम

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बीच में भले ही मल्टी टास्किंग का बुखार चढ़ा था, लेकिन वह अब

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Apr 2017 02:47 AM (IST)Updated: Sun, 02 Apr 2017 02:47 AM (IST)
मल्टी टास्किंग नहीं, एक बार में करें एक काम
मल्टी टास्किंग नहीं, एक बार में करें एक काम

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :

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बीच में भले ही मल्टी टास्किंग का बुखार चढ़ा था, लेकिन वह अब धीरे-धीरे उतरने भी लगा है। इससे समय की बचत नहीं होती, बल्कि गुणवत्ता प्रभावित होती है। एक बार में एक काम पूरा ध्यान लगाकर करें, तभी आप बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

ये बातें एक्सएलआरआइ के प्रोफेसर मनीष सिंघल ने आदिवासी युवाओं से कहीं। एनएसआइसी (नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) की ओर से कराए गए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रो. सिंघल ने कहा कि मल्टीटास्किंग अच्छी चीज नहीं है। इससे आप कोई भी काम ठीक से नहीं कर सकते। सिंघल ने युवाओं को अलग-अलग तरीके से संगठित व आपसी समन्वय से काम करने के गुर सिखाए। यही नहीं, ग्रुप में कैसे काम करना चाहिए, आपसी सहमति कैसे बनायी जाती है, आदि समझाया। अपनी बात थोपने की बजाय सुनने की आदत बनानी होगी।

इससे पूर्व उन्होंने प्रतिभागियों को माइंडफुलनेस एंड इंटरपर्सनल मैनेजमेंट के बारे में रोचक ढंग से बताया, तो प्रो. अनीता सरकार ने छोटे व बड़े फर्म के एचआरएम प्रैक्टिसेस से अवगत कराया। 'ट्राइबल एंट्रेप्रेन्योर्स डेवलपमेंट प्रोग्राम' के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 प्रतिभागी शामिल हैं।


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