Durga puja 2019 : say No to Plastic से लेकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ तक, यहां पंडाल दे रहे खास संदेश
Durga puja 2019. दुर्गा पूजा पंडाल पर्यावरण और समाज की चिंता करते हुए खास संदेश दे रहे हैं। से नो टू प्लास्टिक से लेकर बेटी बचाओ-बेटी पढाओ के संदेश पंडालों से मिल रहे हैं।
जमशेदपुर, जेएनएन। Durga puja 2019 झारखंड के जमशेदपुर में दुर्गा पूजा भव्यता के लिए प्रसिद्ध तो है ही, इसकी एक खासियत है खास संदेश देते पूजा पंडाल। इस बार भी यहां के पंडाल पर्यावरण और समाज की चिंता करते हुए खास संदेश दे रहे हैं। 'से नो टू प्लास्टिक' से लेकर बेटी बचाओ-बेटी पढाओ के संदेश पंडालों के माध्यम से आम ओ खास तक पहुंच रहे हैं। पंडालों के माध्यम से महाभारत का दीदार हो रहा है तो एक से एक आकर्षक पंडाल लोगों को मोह रहे हैं।
आदित्यपुर में प्लास्टिक का महिषासुर
केंद्र सरकार के निर्देश पर दो अक्टूबर से देशभर में पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाया गया है। दुर्गा पूजा के मौके पर आदित्यपुर स्थित जयराम यूथ स्पोर्टिंग क्लब ने भी प्लास्टिक का उपयोग बंद करने के उद्देश्य से ‘से नो टू प्लास्टिक’ थीम पर भव्य और आकर्षक पूजा पंडाल बनाया है। पूजा कमेटी के संरक्षक सह पूर्व विधायक अरविंद सिंह बताते हैं कि देश में चल रहे ‘से नो टू प्लास्टिक’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए पंडाल का थीम इसी पर आधारित है। राक्षस रूपी प्लास्टिक कैसे पूरे विश्व को अपने आगोश में ले रहा है इसे बड़े ही खूबसूरती से दर्शाया गया है। इसके अलावा पूजा पंडाल और यहां बने आकर्षक कलाकृतियों के माध्यम से भी लोगों को प्लास्टिक का उपयोग न करने का संदेश देकर जागरूक किया जा रहा है। विधायक ने कहा कि प्लास्टिक से वातावरण दूषित हो रहा है, इसके उपयोग को तत्काल बंद करना चाहिए ताकि प्रकृति और पर्यावरण बचा रहे। गांधी जयंती के मौके पर दो अक्टूबर की शाम को पूजा पंडाल का उद्घाटन भी किया गया।
काशीडीह में महाभारत
जमशेदपुर के काशीडीह में इस बार ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब का दुर्गापूजा पंडाल महाभारत के थीम पर बना है। पंडाल में भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन का संवाद दिख रहा है। पंडाल के चारों ओर कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा अर्जुन को दिए गए ज्ञान अंकित हैं। पंडाल को पश्चिम बंगाल के कोंटाई से आए कारीगरों ने बनाया है। क्लब के संरक्षक अभय सिंह ने बताया कि पंडाल में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा भी काफी आकर्षित हैं। पंडाल का उद्घाटन दो अक्टूबर को शहीद किशन दूबे की माता, शहीद मनोरंजन सिंह के पिता तथा कारगिल युद्ध के नायक मानिक वारदा ने किया।
गोद में बच्ची लिए महिला दे रही बेटी बचाओ का संदेश
श्रीश्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी, बागबेड़ा में इस बार शहर का पहला वातानुकूलित पूजा पंडाल बना है। पूजा पंडाल बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश दे रहा है। 27 लाख की लागत से पूजा का आयोजन किया जा रहा है। पंडाल के बीच करीब 35 फीट की महिला की आकृति इस बार आकर्षण का विशेष केंद्र है। आकृति में महिला एक बच्ची को अपनी गोद में थामें है। यह भ्रूण हत्या, बेटियों के साथ भेदभाव और महिला उत्पीड़न के विरुद्ध समाज को एक सशक्त संदेश है। गुफानुमा पंडाल में कई स्थानों पर एयर कंडीशन लगाए गए हैं। गुफानुमा पंडाल बनाने में बांस, जूट के बोरे और प्लास्टर ऑफ पेरिस का प्रयोग किया गया है। वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह से वर्जित रखा गया है। गुफा में प्रवेश करते ही ग्रामांचलों की आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
टुइलाडुंगरी में टॉफी से बनी मां की प्रतिमा
जमशेदपुर में श्री-श्री सार्वजनिक दुर्गापूजा समिति, टुइलाडुंगरी ने माता की प्रतिमा बनाने में कैंडी का इस्तेमाल किया है। इस प्रतिमा के निर्माण में 25 हजार रुपये की 19 रंगों की टॉफी का उपयोग किया गया है। इसका वजन 285 किलोग्राम है। तीन महीने में मेदिनीपुर के कंटई से आए 13 कारीगरों ने तैयार किया है।
कदमा के रानीकुदर में हिंद क्लब के पूजा पंडाल में भगवान शिव पहाड़ पर विराज रहे हैं।