मोतिहरी को हंडी मटन लौहनगर की पहली पसंद
मनोज सिंह, जमशेदपुर : आप में से कई ने मटन का स्वाद तो कई दफा चखा होगा, लेकिन हंडी मटन का स्वाद शायद
मनोज सिंह, जमशेदपुर : आप में से कई ने मटन का स्वाद तो कई दफा चखा होगा, लेकिन हंडी मटन का स्वाद शायद कम ही लोगों ने टेस्ट किया हो। लाजवाब होता है हंडी मटन का स्वाद। ऐसा स्वाद कि अंगुलियां चाटते रह जाएं। कभी खाने का मूड बने तो मानगो डिमना चौक चले आइए। यहां स्थित होटल जायसवाल में आपको हंडी मटन खाने की इच्छा पूरी हो जाएगी।
इस दुकान के सामने ही मिट्टी की हंडी में मीट पकाया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि आज से महज डेढ़ साल पूर्व ही हंडी मटन की यह दुकान डिमना चौक पर खुली है और इतने ही समय में यह दुकान चर्चा में आ गई। आज यहां मटन लेने के लिए शहर के कोने-कोने से लोग तो आते ही हैं, साथ में बाहर से आने वाले लोग भी यहां से हंडी मटन लेकर जाते हैं। आज मानगो डिमना चौक पर हंडी मटन के शौकिनों की लाइन लगती है। होटल के संचालक राजेश जायसवाल कहते हैं कि पहले देर रात तक होटल खोलकर रखते थे, लोग खूब आते और मटन का आनंद उठाते। वे अब कहीं दूसरे स्थान पर होटल खोलने का प्लान कर रहे हैं।
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मोतिहारी से जमशेदपुर पहुंचा हंडी मटन
जमशेदपुर में हंडी मटन मोतिहारी बिहार से पहुंचा है। जमशेदपुर में हंडी मटन की शुरूआत मोतिहारी के प्रसिद्ध हंडी मटन विक्रेता राजेश जायसवाल ने डेढ़ वर्ष पूर्व की थी। राजेश जायसवाल ने बताया कि उनके पिता रामानंद जायसवाल ने मोतिहारी में 10 साल पूर्व हंडी मटन की बिक्री शुरू की थी। जब बिहार में शराब बंदी लागू हो गया तो हंडी मटन की बिक्री कम हो गयी। राजेश कहते हैं कि मेरा ट्रांसपोर्ट का काम था और मेरा जमशेदपुर आना-जाना लगा रहता था। मैने जमशेदपुर के एक दोस्त से पूछा कि यदि कहीं जगह मिल जाए तो शहर को हंडी मटन खिलाएं जो एकदम नया होगा।
बस क्या था राजेश के दोस्त ने पहले बालीगुमा में एक झोपड़ीनुमा दुकान में इसकी शुरूआत की, लेकिन जगह ठीक नहीं रहने के कारण वह डिमना चौक के पास अपना दुकान ले आए। आज हंडी मटन खाने के शौकीन दूर-दूर से मेरे दुकान में आते हैं, खाने के बाद पार्सल भी लेकर जाते हैं। प्रतिदिन 60 से 70 लोग मटन लेने व खाने उनके पास आते हैं।
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ऐसे बनता है हंडी मटन
हंडी मटन बनाने का तरीका भी बड़े निराला है। पहले तो मटन खुद अपने पसंद से कटवाते हैं। इसके बाद मटन को साफ कर हंडी में डालते हैं, उसमें तेल डालकर छौंका लगाते हैं। इसके बाद मसाले के साथ प्याज लहसून हंडी में डालकर हंडी के ढक्कन को आटे से बंद कर देते हैं। करीब डेढ़ से दो घंटे तक कोयले की आंच में एक किलो हंडी मटन बनकर तैयार हो जाता है। बाजार में एक किलो हंडी मटन 800 रुपये प्रति हंडी के हिसाब से बिक्री किया जाता है। ग्राहक 100 ग्राम तक लेकर जाते हैं।
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क्या कहते हैं मटन के शौकीन
मुझे हंडी मटन इतना अधिक पसंद है कि जब भी जमशेदपुर आता हूं हंडी मटन व चावल खाकर ही जाता हूं। यहां का हंडी मटन का स्वाद कहीं नहीं मिलता।
- राजेश कुमार, घाटशिला
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पहली बार एक दोस्त के साथ डिमना चौक आया था। दोपहर के समय भूख लगी थी। होटल खोजते-खोजते डिमना चौक के पास आ गया। वहां देखा हंडी में मटन बन रहा है। बस क्या था हंडी मटन का स्वाद लिया और आज तक रेगुलर ग्राहक हूं।
-- सनातन सोरेन, घाटशिला
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हंडी मटन का नाम सुनते ही मुंह से पानी आने लगता है। मुझे हंडी मटन इतना पसंद है कि होटल में आकर खाता तो हूं ही, साथ में पैक कराकर घर भी लेकर जाता भी हूं। मेरे घर में भी सबलोग हंडी मटन को चाव से खाते हैं।
- तापस कुमार सिंह, जमशेदपुर