मुआवजे के लिए एमजीएम में हंगामा, शव उठाने से परिजनों का इंकार
क्रिस्टल थर्मोकोल प्राइवेट लिमिटेड में मजदूर दिनेश कुमार की मौत बाद परिजनों और ग्रामीणों ने एमजीएम अस्पताल में हंगामा किया। वे मुआवजा और नौकरी मांग रहे थे।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। कोल्हान प्रमंडल के चांडिल स्थित कंपनी क्रिस्टल थर्मोकोल प्राइवेट लिमिटेड में मजदूर दिनेश कुमार की संदिग्ध मौत की चांडिल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। चांडिल थाना प्रभारी के आदेश पर थाने के एक दरोगा ने एमजीएम अस्पताल पहुंचकर कंपनी के जीएम और मृतक के परिजनों से पूछताछ की। दूसरी तरफ, परिजनों और ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह एमजीएम अस्पताल में हंगामा किया। ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी मजदूर के छोटे भाई को स्थाई नौकरी दे और परिजनों को उचित मुआवजा दे। बस इसके सिवा उन्हें कुछ नहीं चाहिए।
जानकारी के अनुसार ईचागढ़ थाना क्षेत्र के आदरडीह गांव निवासी मजदूर दिनेश कुमार महतो की सोमवार की सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिजनों को कंपनी प्रबंधन की तरफ से सुबह 9:00 बजे फोन करके बताया गया कि दिनेश कुमार महतो छत से गिर गया है। परिजन कंपनी पहुंचे तो पता चला उसे एमजीएम अस्पताल ले जाया गया है। एमजीएम अस्पताल आने पर पता चला कि दिनेश कुमार महतो की मौत हो गई है।
कंपनी परिसर में ही रहता था दिनेश
कंपनी के जीएम नंदलाल पांडेय ने बताया कि दिनेश कुमार कंपनी परिसर में ही रहता था। वह सुबह नहाने के बाद सीढी के जरिए छत पर चढ़ रहा था। तभी पैर फिसलने से नीचे गिरा और घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक के पिता का आरोप है कि उनके बेटे दिनेश की संदिग्ध हालात में कंपनी परिसर में ही मौत हुई है। उसके सर में चोट थी। ग्रामीणों के साथ आए तृणमूल कांग्रेस के सरायकेला के जिला अध्यक्ष कृष्णा लोहार का कहना है कि परिजन पुलिस में मुकदमा नहीं करना चाहते। पुलिस पर उनका भरोसा नहीं है। पुलिस जांच शुरू कर देगी तो परिजन को मुआवजा भी नहीं मिलेगा। ना ही उसके छोटे भाई को नौकरी मिलेगी। दिनेश तो दुनिया से चला गया। परिवार में वही एक कमाने वाला था। उसके छोटे भाई को नौकरी मिल जाए तो परिवार का खर्च चलेगा।
लिखित बयान देने से किया इनकार
चांडिल थाने से मामले की जांच करने एमजीएम अस्पताल आए दरोगा एके वर्मा ने को पोस्टमार्टम के लिए भेजने को परिजन का लिखित प्रार्थना पत्र मांगा। लेकिन परिजनों ने लिखित प्रार्थना पत्र देने से इनकार कर दिया। इसके चलते अब तक शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा जा सका है।