Villagers killed Bengal Tiger : बंगाल टाइगर को जहरीला मांस खिलाकर मारा, बाघ के खाल की बेचने की थी तैयारी
Villagers killed Bengal Tiger ः आरोपियों ने कहा- बाघ ने मेरी चार मवेशियों को मारा था इसलिए हम लोगों ने बाघ को मारा। वहीं जब वन विभाग के लोग और पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने गई तो ग्रामीणों ने उनपर हमला कर दिया। लाठी डंडे चलाए।
बड़बिल(ओडिशा) : देश में बाघों की संख्या लगातार घट रही है।( Bengal Tiger ) बाघ बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार तत्पर है। लेकिन झारखंड से सटे ओडिशा के क्योंझर जिले में चार लोगों ने बंगाल टाइगर को मार दिया।
पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार
झारखंड से सटे ओडिशा में क्योंझर जिला अन्तर्गत दैतारी वन परिक्षेत्र के बूढ़ीपदा गांव से रायल बंगाल टाइगर के चमड़े को वन विभाग ने जब्त किया हैं। मामले में कुल चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इसमें बूढ़ीपदा ग्राम निवासी 30 वर्षीय बुटू महाकुड़, बुटू के पिता 60 वर्षीय दुर्योधन महाकुड़, भाई 32 वर्षीय पंचू महाकुड़ और नाबालिग शामिल हैं।
बाघ की खाल बेचने की थी तैयारी
यह सारी कार्रवाई गुरुवार की देर रात से शनिवार देर रात तक चली। सभी आरोपितों के खिलाफ वन्य जीव की तस्करी समेत अन्य मामले दर्ज किए गए हैं। सभी का रविवार को कोर्ट चालान कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि वन विभाग को गुरुवार को गुप्त सूचना मिली थी कि बूढ़ीपदा गांव में एक व्यक्ति के घर पर बाघ की खाल रखी हुई है। वो इसे तस्करों के हाथों बेचने की तैयारी कर रहा है। इस सूचना की पुष्टि के बाद क्योंझर और आनंदपुर रेंज के वन अधिकारियों ने आनंदपुर थाना की पुलिस के साथ बूढ़ीपदा ग्राम निवासी बुटू महाकुड़ के घर औचक छापेमारी की।
इस क्रम में घर के भीतर से बाघ की खाल बरामद कर ली गयी। इसके बाद बुटू को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में मिली जानकारी के बाद बुटू की निशानदेही पर शनिवार की शाम को वन अधिकारियों ने बाघ की हत्या में शामिल और तीन लोगों बूटू महाकुड़ के पिता 60 वर्षीय दुर्योधन महाकुड़, भाई 32 वर्षीय पंचू महाकुड़ और एक नाबालिग भाई को गिरफ्तार किया। अवैध कारोबार में लिप्त अन्य लोगों को पकड़ने के लिए वन अधिकारियों की दबिश चल रही है। मामले में एक और नाबालिग को पूछताछ के लिए उठाया गया था लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया।
गुरुवार की देर रात बूढ़ीपदा ग्राम में की गयी कार्रवाई के क्रम में वन अधिकारियों को ग्रामीणों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा। तस्कर को बचाने के लिए गांव वालों ने वन अधिकारियों व पुलिस की टीम पर भी हमला कर दिया था। इस दौरान डंडे व पत्थर फेंककर वन विभाग की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। हमले में तीन वनकर्मी चोटिल हो गये थे। मामले में 10 से अधिक ग्रामीणों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
क्योंझर डीएफओ धनराज एचडी ने बताया कि जब्त किए गए बाघ की खाल से पता चलता है कि बाघ की हत्या एक से डेढ़ महीने पहले की गई थी। मृत बाघ किस जंगल का था, डीएनए जांच से पता चलेगा। घटनास्थल मयूरभंज जिला के सिमलीपाल बाघ अभ्यारण्य के करीब का है। हम लोग वन्य जीव तस्करों पर भी नजर रखे हुए हैं। फिलहाल चार लोग गिरफ्त में आये हैं। शेष की धरपकड़ जारी है।
मुख्य आरोपित बुटू महाकुड़ ने बताया है कि गत अप्रैल माह में उसके तीन मवेशियों को एक बाघ ने जंगल में मार दिया था। इस कारण बदला लेने के लिए जंगल में मवेशियों के मांस में मैंने जहर मिला दिया था बाघ ने दोबारा मांस खाया होगा। इससे उसकी मौत हो गयी थी। इसके बाद बाघ की खाल निकालकर घर में रखा था जिसे बेचना था।