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रो¨हग्या समुदाय को शरण दे सरकार : उलमा बोर्ड

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : म्यांमार के रो¨हग्या समुदाय में 75 फीसद ही मुसलमान हैं, बाकी ¨ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Sep 2017 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 18 Sep 2017 06:42 PM (IST)
रो¨हग्या समुदाय को शरण दे सरकार : उलमा बोर्ड
रो¨हग्या समुदाय को शरण दे सरकार : उलमा बोर्ड

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :

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म्यांमार के रो¨हग्या समुदाय में 75 फीसद ही मुसलमान हैं, बाकी ¨हदू व ईसाई हैं। ये सभी आज बदतर स्थिति में हैं। जब तक इनकी समस्या हल नहीं होती, भारत सरकार को इन्हें शरण देना चाहिए।

ये बातें ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यख सैयद अमजद अली व राष्ट्रीय महासचिव अल्लामा बीएन हसनी ने कहीं। बिष्टुपुर स्थित खालसा क्लब में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए

हसनी ने कहा जो रो¨हग्या बॉर्डर पर हैं, बोर्ड उनके खाने-पीने का इंतजाम कर रहा है। जो लोग रो¨हग्या को हमलावर या दहशतगर्द बता रहे हैं, उन्हें बताना चाहते हैं कि ये निहायत शरीफ हैं। कोई रो¨हग्या चोरी तक में शामिल नहीं है, वह दहशतगर्द कैसे हो सकता है। आरोप लगाने से पहले सरकार साबित करे। उनकी सरकार रो¨हग्या समुदाय को जाति-धर्म और मुल्क के नाम पर नहीं, इंसानियत की नजर से देखे। जब यह भारत सरकार पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश बना सकता है, तिब्बत के शरणार्थियों को जगह दे सकता है, तो रो¨हग्या को क्यों नहीं। इनके लिए टर्की के राष्ट्रपति ने बांग्लादेश को मदद की पेशकश की है, तो यूरोपीय देश भी मदद कर रहे हैं। हम इनका स्वागत करते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमजद अली ने कहा कि भारत सरकार दोतरफा नीति अपना रही है। मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए नई सरकार भाईचारा खत्म कर रही है। कहीं गाय, तो कहीं डायन और बच्चा चोर के नाम कत्लेआम हो रहा है। क्या यही सरकार चलाने का तरीका है। हम इस रवैये की कड़े शब्दों में मुखालफत करते हैं। तीन तलाक के मुद्दे पर दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के साथ हैं, उनका कोई विरोध नहीं है।

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नूरजहां बनीं महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष

ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव अल्लामा बीएन हसनी ने शहर की नूरजहां खान वारसी को महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष बनाने की घोषणा की। हसनी ने कहा कि बोर्ड मुख्य रूप से समाजसेवा व समाज को तालीमयाफ्ता बनाने पर जोर देती है। बोर्ड समाज के सभी दबे-कुचले मजलूम की हिमायत करता है, चाहे वह किसी मजहब का हो। मुस्लिम समाज में यही एक बोर्ड है, जहां खवातीनों को तरजीह दी जाती है। इस मौके पर राष्ट्रीय प्रवक्ता बादशाह खान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शहनाज रफीक, कमर सुलताना, मौलाना नौशाद सिद्दिकी, कांग्रेस नेता बलदेव सिंह, रियाज खान आदि उपस्थित थे।


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