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Crime File : बारीडीह में हत्या कर चर्चा में आया राजा पीटर, तय किया मंत्री तक का सफर Jamshedpur News

Jamshedpur Crime. आपराधिक गलियारों में बड़ा नाम होने के बाद राजा पीटर तब पूरे देश में चर्चित हुआ जब उसने झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को चुनाव में हरा दिया।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 12:46 PM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 07:35 AM (IST)
Crime File : बारीडीह में हत्या कर चर्चा में आया राजा पीटर, तय किया मंत्री तक का सफर Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। Jamshedpur Crime जमशेदपुर शहर के आपराधिक इतिहास में गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर एक चर्चित नाम है। न सिर्फ जमशेदपुर में, बल्कि पूरे प्रदेश में। आपराधिक गलियारों में बड़ा नाम होने के बाद राजा पीटर तब पूरे देश में चर्चित हुआ जब उसने झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को 2009 विधानसभा उपचुनाव में करारी शिकस्त दी। कैबिनेट में मंत्री पद भी हासिल कर लिया।

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फराटेदार अंग्रेजी बोलने वाला पीटर वर्तमान में तमाड़ के पूर्व विधायक स्व. रमेश सिंह मुंडा की हत्या के आरोप में 2017 से जेल में बंद है। एनआइए ने नक्सलियों से गठजोड़ और हत्या के आरोप में उसे गिरफ्तार किया है। उच्च न्यायालय से उसकी जमानत खारिज हो चुकी है। परिवार मूल रूप से तमाड़ के उलीडीह ग्राम बौतिया बरलंगा टोला कामारापा का रहने वाला है। राजा पीटर के पिता खतरा मोहन पातर टाटा स्टील में कर्मचारी थे। वर्तमान में भी राजा पीटर का भाई कंपनी में कर्मचारी है। राजा पीटर का जमशेदपुर में जन्म हुआ। टाटा स्टील में अप्रेंटिस करने के बाद उसने टाटा स्टील में ही कई वर्षों तक नौकरी की। सिदगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित बारीडीह में उसका आवास था।

फर्राटेदार अंग्रेजी सुनकर डॉ अजय रह गए थे अवाक

पूर्वी सिंहभूम में एसपी रहते डॉ. अजय कुमार ने जब अपराधियों को खंगालना शुरू किया तो पुलिस के हत्थे राजा पीटर भी चढ़ा। पूछताछ और बातचीत में उसकी फर्राटेदार अंग्रेजी सुनकर वे भी अवाक रह गए थे। बारीडीह निवासी बोड़ों खेस की बहन बेला खेस से राजा पीटर की शादी हुई थी। बोडों खेस और नेनूष खेस दोनों भाई के नाम जमशेदपुर पुलिस के आपराधिक रिकार्ड में दर्ज हैं। इलाके में उनका दबदबा भी था।  बोड़ों खेस के घर आने-जाने के दौरान राजा पीटर के कदम अपराध की बढऩे लगे थे। जब राजा पीटर की पत्नी से बारीडीह के शेखर उर्फ चंद्रशेखर शर्मा ने अभद्र व्यवहार किया को इसके प्रतिरोध में शेखर की हत्या कर दी गई। आरोप राजा पीटर, बोड़ों खेस और नेनूष खेस पर लगा था। राजा पीटर के सहयोगियों में सरकार गोप, कालीपदो गोप, राजेश कच्छप समेत कई थे। इसके बाद उसका आपराधिक गिरोह के साथ संपर्क बढ़ता गया। इसी बीच पत्नी की जलने से मौत हो गई। सरकार गोप और राजेश कच्छप भी दुनिया में नही है।  

10-12 साल तक जेल में रहा राजा पीटर

हत्या, आर्म्‍स एक्ट समेत कई मामले सिदगोड़ा थाने में राजा पीटर पर दर्ज किए गए। करीब 10-12 साल तक वह जेल में भी रहा, लेकिन सभी मामलों में साक्ष्य अभाव में बरी होता चला गया। 2000 में जमानत लेकर विधानसभा चुनाव लडऩे की कोशिश की। स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल करने राजा पीटर खूंटी अनुमंडल कार्यालय पहुंचा, लेकिन समय समाप्त होने के कारण पर्चा नहीं भर पाया। बावजूद तमाड़ में सक्रिय रहा। इसके बाद राजनीति में एंट्री की।

पहली बार निर्दलीय लड़ा था चुनाव

2005 में रमेश सिंह मुंडा के खिलाफ स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में राजा पीटकर चुनाव में उतरा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। बुंडू में 9 जुलाई 2008 में रमेश सिंह मुंडा की हत्या नक्सली कुंदन पाहन के दस्ते ने स्कूल परिसर में कर दी। हत्या के बाद 2009 में फिर पीटर चुनावी मैदान में कूदा। इस बार विधायक चुने जाने के बाद मंत्री पद भी हासिल कर लिया। 2019 के विधानसभा चुनाव में जेल से रहते चुनाव लड़ा। करारी हार मिली। गौरतलब है कि राजा पीटर के समय के अपराध से जुड़े अधिकतर अपराधियों ने राजनीतिक चोला ओढ़ लिया है, लेकिन राजा पीटर को छोड़ कोई विधायक नहीं बन सका। 


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