टाटानगर स्टेशन के सफाईकर्मी गए हड़ताल पर
सफाईकर्मियों ने जब सफाई एजेंसी से बोनस की मांग की तो साफ इन्कार कर दिया। इससे सफाईकर्मियों का सब्र टूट गया ।
जासं, जमशेदपुर : टाटानगर स्टेशन पर सफाई की जिम्मा संभालने वाली एजेंसी ने मनमानी शुरू कर दी है। जरूरत के समय काम कराया और जब मतलब निकल गया तो आधे सफाईकर्मियों को नौकरी से निकाल दिया। कोरोना काल में सफाईकर्मियों को किसी तरह की सुरक्षा भी इन सफाइकर्मियों को नहीं देने का आरोप भी एजेंसी पर है। दस्ताने दिए तो उसके भी दस रुपये एजेंसी के मैनेजर ने काट लिए। सफाईकर्मियों ने जब सफाई एजेंसी से बोनस की मांग की तो साफ इन्कार कर दिया। इससे सफाईकर्मियों का सब्र टूट गया और उन्होंने मंगलवार को टाटानगर स्टेशन की सफाई बंद कर नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने सफाई इंचार्ज अनूप कुमार के समक्ष मांग रखी है कि जब तक उनके वेतन में बढ़ोतरी व उन्हें बोनस देने पर सहमति नहीं बनेगी तब तक वे काम नहीं करेंगे।
सफाईकर्मियों ने बताया कि दो वर्ष हो गए लेकिन, बोनस नहीं दिया गया। मार्च माह में वेतन बढ़ना था, वह भी नहीं बढ़ाया गया। पीएफ के रुपये कटते हैं लेकिन इसकी कोई जानकारी सफाई एजेंसी की ओर से नहीं दी जाती है। जो कर्मचारी अपनी मांग को लेकर आगे आते हैं उसे नौकरी से निकालने की धमकी देते है। सफाईकर्मियों ने मांग रखी है कि 250 रुपये दिहाड़ी बढ़ाकर 450 रुपये किए जाएं। दुर्गा पूजा से पहले बोनस दिया जाए। टाटानगर स्टेशन में कोरोना काल में कुल 105 सफाईकर्मियों ने पूरी मेहनत व लगन के साथ स्टेशन परिसर की साफ सफाई की। अब जब ट्रेनों का परिचालन शुरू होने का समय आ गया है तो कास्ट कटिग के नाम पर 105 सफाईकर्मियों में से आधे सफाई कर्मियों की छटनी कर दी और सिर्फ 52 लोगों से ही काम लिया जा रहा है। ऊपर से इन सफाईकर्मियों को आठ घंटे ड्यूटी लेने के बाद मात्र 250 रुपये ही वेतन दिया जा रहा है।