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टाटानगर के रेलवे क्वार्टरों में लगा बॉल कॉक सिस्टम बेकार

टाटानगर के रेलवे क्वार्टरों में रेलवे ने पानी के बर्बादी को रोकने के लिए डीआरएम ने निर्देश जारी किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 08:00 AM (IST)
टाटानगर के रेलवे क्वार्टरों में लगा बॉल कॉक सिस्टम बेकार
टाटानगर के रेलवे क्वार्टरों में लगा बॉल कॉक सिस्टम बेकार

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटानगर के रेलवे क्वार्टरों में रेलवे ने पानी के बर्बादी को रोकने के लिए बॉल कॉक सिस्टम पानी की टंकियों में लगाया था, लेकिन पानी की सप्लाई कम होने के कारण रेलकर्मियों ने बॉल कॉक सिस्टम को हटा दिया है तो कहीं वह टूट कर खुद ही बेकार हो गया। कुल मिलाकर यह बॉल काक सिस्टम पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया। जिसके कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है।

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इस मामले की जानकारी रेलवे क्वार्टरों के सर्वे की रिपोर्ट के बाद चक्रधरपुर मंडल के डीआरएम विजय कुमार साहू को हुई तो उन्होंने इस पर तुरंत संज्ञान लिया और चार माह के अंदर पूरे सिस्टम को ठीक कर पानी की बर्बादी को रोकने का निर्देश जारी कर दिया है।

टाटानगर के रेलवे क्वार्टरों, स्टेशन व अन्य रेल संस्थानों में प्रतिदिन 12.20 लाख गैलन पानी की खपत प्रतिदिन हो रही है। पानी की बर्बादी को रोकने के लिए रेलवे रेलवे क्वार्टरों में छह लाख रुपये की कीमत से अत्याधुनिक मशीने लगाने जा रही है, जो पानी की बर्बादी को रोकने में सहयोग करेगा। टंकियों में पानी भरते ही तेज आवाज से साथ सायरन बजने लगेगा और खुद ब खुद पानी टंकी में जाना बंद हो जाएगा। इससे प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बचाया जा सकेगा। टाटानगर के बारह सौ रेलवे क्वार्टरों के टंकी में ऑटोमेटिक ओवर फ्लो स्वीच लगाया जाएगा। करीब चार माह के अंदर सभी 12 सौ क्वार्टरों में ऑटोमेटिक ओवर फ्लो स्वीच लगा दिया जाएगा। इतना ही नहीं चक्रधरपुर मंडल के राउरकेला, चक्रधरपुर सहित विभिन्न क्षेत्रों के रेलवे क्वार्टरों में भी ओवर फ्लो स्वीच सिस्टम को लगाया जाएगा।

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छह लाख की लागत से लगेगा स्वीच

एक रेलवे क्वार्टर की टंकी में ऑटोमेटिक ओवर फ्लो स्वीच लगाने के लिए रेलवे को करीब 500 रुपये खर्च आएगा। करीब 12 सौ क्वार्टरों में इस स्वीच को लगाने के लिए रेलवे को छह लाख रुपये का खर्च वहन करना होगा।

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स्वीच लगने से कम चलानी होगी मोटर

पानी की टंकियों में ऑटोमेटिक ओवर फ्लो स्वीच लगाने पर जो मुख्य मोटर अभी 15 से 16 घंटे प्रतिदिन पानी को को टंकी में चढ़ाने के लिए चलता है स्वीच के लग जाने पर पानी का बर्बादी कम होगी और 11 से 12 घंटे मोटर चलाने पर ही पानी टंकी में भर जाएगी।

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टाटानगर रेलवे क्वार्टरों के टंकियों में लगा हजारों बॉल कॉक सिस्टम खराब हो गया है। जिसके कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी टंकी से ओवर फ्लो हो बर्बाद हो रहा है, जिसे रोकने के लिए चार माह के अंदर 12 सौ क्वार्टरों में ऑटोमेटिक ओवर फ्लो स्वीच टंकियों में लगाए जाएंगे।

-शशि मिश्रा मेंस यूनियन के मंडल संयोजक


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