टाटानगर आरपीएफ के पास बम निरोधक दस्ता नहीं
जासं जमशेदपुर उत्तर प्रदेश के कानपुर में भिवानी-कालिंदी एक्सप्रेस में हुए बम धमाके के बाद टाट
जासं, जमशेदपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर में भिवानी-कालिंदी एक्सप्रेस में हुए बम धमाके के बाद टाटानगर स्टेशन में अलर्ट तो कर दिया गया है, लेकिन टाटानगर आरपीएफ के पास बम निरोधक दस्ता नहीं है। इस दस्ता के अभाव में बम का डिस्पोजल करना आरपीएफ के लिए मुश्किल साबित हो सकता है और सैकड़ों यात्रियों की जान मुश्किल में पड़ सकती है।
बम निरोधक दस्ता के लिए आरपीएफ को जिला पुलिस या फिर सीआरपीएफ की मदद लेनी पड़ सकती है वो भी करीब 2-3 घंटे के बाद ही मदद के लिए पहुंच सकते हैं। क्योकि जिला पुलिस को यदि बम निरोधक दस्ता की जरूरत पड़ती है तो वह भी रांची से बुलाते हैं। हालांकि आरपीएफ के पास सिर्फ डॉग स्क्वायट की टीम है जो बम का पता लगा तो सकती है, लेकिन उसे डिस्पोजल नहीं कर सकती।
दोपहर में नहीं थे एक भी पुलिसकर्मी गेट पर : कानपुर में हुए बम धमाके के बाद टाटानगर स्टेशन में सुबह वह शाम को तो सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन दोपहर को यहां नजारा कुछ और ही था। स्टेशन के इन व आउट गेट में एक भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थे। लोग आराम से स्टेशन में प्रवेश कर रहे थे और बाहर निकल रहे थे। ऐसे में स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठना तय है। दूसरी ओर स्टेशन में लाखों रुपये का लगेज स्कैनर तो लग गया है, लेकिन इसका इस्तेमाल कभी कभार ही किया जा रहा है। सुरक्षा की बात करें तो पार्सल निकलने वाले रास्ते में भी सुरक्षा की कोई खास व्यवस्था नहीं है। कोई भी संदिग्ध व्यक्ति यहां से आ जा सकता है। ऐसे में टाटानगर स्टेशन व यात्रिओं की सुरक्षा खतरे में है।
स्टेशन में बॉडी स्केनर नहीं होने से बढ़ सकती है परेशानी : टाटानगर स्टेशन बॉडी स्केनर नहीं है जिसके कारण कोई भी यात्री हथियार लेकर आराम से स्टेशन में प्रवेश कर सकता है। हालांकि टाटानगर स्टेशन में यात्रियों की संख्या ज्यादा है जिसके कारण यहां बॉडी स्केनर लगाना संभव नहीं लगता है, लेकिन टाटानगर स्टेशन के प्रवेश व बाहर निकलने वाले प्रत्येक रास्ते में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था तो की ही जा सकती है।
'टाटानगर आरपीएफ के पास बम निरोधक दस्ता नहीं है, लेकिन इसकी जरूरत पड़ने पर सीआरपीएफ या जिला पुलिस से मदद ली जा सकती है।'
-एमके सिंह, आरपीएफ थाना प्रभारी