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कोर्ट परिसर में अधिवक्ता व पुलिस में भिड़ंत

कथित भू-माफिया व अधिवक्ता नरेंद्र श्रीवास्तव व उनका भाई सुरेंद्र श्रीवास्तव, बेटा छोटू श्रीवास्तव व नितेश श्रीवास्तव को बिरसानगर पुलिस ने कोर्ट में पेश कर, उन्हें गुरुवार को एससी एसटी मामले में जेल भेज दिया है। चारों आरोपियों को जब बिरसानगर पुलिस पकड़कर कोर्ट रिमांड करने के लिए लेकर आई तो अधिवक्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा को देखते हुए एडीजे प्रथम अपनी कुर्सी छोड़कर अपने केबिन में चले गए और करीब शाम 6.30 बजे अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद चारों आरोपियों को जेल भेजने का निर्देश जारी किया। कोर्ट ने अगली तिथि 20 नवंबर को दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 09:20 AM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 09:20 AM (IST)
कोर्ट परिसर में अधिवक्ता व पुलिस में भिड़ंत

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कथित भू-माफिया व अधिवक्ता नरेंद्र श्रीवास्तव व उनका भाई सुरेंद्र श्रीवास्तव, बेटा छोटू श्रीवास्तव व नितेश श्रीवास्तव को बिरसानगर पुलिस ने कोर्ट में पेश कर, उन्हें गुरुवार को एससी एसटी मामले में जेल भेज दिया है। चारों आरोपियों को जब बिरसानगर पुलिस पकड़कर कोर्ट रिमांड करने के लिए लेकर आई तो अधिवक्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा को देखते हुए एडीजे प्रथम अपनी कुर्सी छोड़कर अपने केबिन में चले गए और करीब शाम 6.30 बजे अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद चारों आरोपियों को जेल भेजने का निर्देश जारी किया। कोर्ट ने अगली तिथि 20 नवंबर को दी है।

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ऐसे हुआ हंगामा

पुलिस जब अधिवक्ता नरेंद्र श्रीवास्तव को पकड़कर कोर्ट लेकर आई तो अधिवक्ता प्रकाश झा, अधिवक्ता अजय कुमार सिंह राठौर व अधिवक्ता विरेंद्र ने एडीजे वन की कोर्ट में अधिवक्ता सहित चारों आरोपितों को रिमांड नहीं करने के लिए बहस शुरू की। बहस के दौरान अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि जिस जुर्म में सात वर्ष से कम की सजा होती है, उस जुर्म में पुलिस को 41ए का नोटिस आरोपितों को जारी करना होता है ताकि उसे अपने किए गए अपराध का पता चल सके। लेकिन बिरसानगर पुलिस ने बिना नोटिस जारी किए ही अधिवक्ता सहित चारों को गिरफ्तार कर लिया। जिसके तहत कोर्ट में अधिवक्ताओं ने बिरसानगर पुलिस द्वारा 41 ए का नोटिस नहीं जारी करने के विरोध में अधिवक्ताओं ने याचिका दाखिल दी और रिमांड नहीं करने को लेकर लेकर कोर्ट में बहस की।

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कागजात लगाने पर अधिवक्ता भड़के

अभी अधिवक्ता नोटिस से जुड़े मुद्दों पर बहस कर ही रहे थे कि पीपी द्वारा बहस के दौरान कुछ कागजात नरेंद्र श्रीवास्तव के फाइल में लगाने लगे, जिससे अधिवक्ता भड़क गए और उन्हें पुलिस का दलाल कहने लगे। इस बात को सुनकर उनके पीछे खड़े पुलिस अधिकारी ने इसका विरोध करते हुए 'माइंड ऑन योर लेंगवेंज' शब्द का इस्तेमाल किया। बस फिर क्या था अधिवक्ता का गुस्सा सातवें आसमान तक पहुंच गया, फिर अधिवक्ता व पुलिस के बीच बहस शुरू हो गई और हंगामा होने लगा।

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पुलिस छावनी में तब्दील हुआ कोर्ट परिसर

मामले की गंभीरता को देखते हुए बिरसानगर पुलिस अधिकारी ने फोर्स को मौके पर बुला लिया। जिसके बाद मौके पर सिटी एसपी, मेजर, डीएसपी सहित साकची, बिरसानगर, सिदगोड़ा, सीतारामडेरा थाना प्रभारी, क्यूआरटी फोर्स सहित पीसीआर की फोर्स कोर्ट पहुंच गई और कोर्ट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया।

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यह है मामला

बिरसानगर जोन नंबर छह निवासी नीलमनी खाखा ने नरेंद्र श्रीवास्तव, सुरेंद्र श्रीवास्तव, छोटू श्रीवास्तव व नितेश श्रीवास्तव के खिलाफ उनके दस बीघा जमीन पर जबरन कब्जा करने व जाति सूचक शब्द कह अपमानित करने का आरोप लगाते हुए बिरासनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

प्राथमिकी के अनुसार नीलमनी देवी आदिवासी है। उनके घर के सामने उनके पूर्वजों की खतियानी जमीन करीब दस बीघा है। जिस जमीन पर सिदगोड़ा निवासी भू माफिया नरेंद्र श्रीवास्तव, सुरेंद्र श्रीवास्तव, छोटू श्रीवास्तव नितेश श्रीवास्तव द्वारा रैयती जमीन पर दिनभर अड्डाबाजी एवं बदमाशों को बैठा कर नीलमनी देवी व उनके परिवार के सदस्यों को जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल कर गाली गलौज करते है। इतना ही नहीं नीलमनी देवी के बच्चियों के साथ छेड़खानी भी किया जाता है। विरोध करने पर परिवार के लोगों को जान मारने की धमकी आरोपियों द्वारा दी जाती है और घर छोड़कर भाग जाने को कहा जाता है।

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जमीन पर गिराई मिंट्टी

प्राथमिकी के अनुसार नीलमनी की जमीन पर 3-4 दिसंबर की रात 30-40 हाइवा मिंट्टी गिराकर जमीन कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। इन भू-माफियाओं को कारण नीलमनी का परिवार दहशत में जी रहा है।

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भू-माफिया नरेंद्र श्रीवास्तव व उसका भाई व बेटे एक गरीब महिला का जमीन कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे। जब महिला ने विरोध किया तो उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और जाति सूचक शब्द कर उन्हें अपमानित किया।

-भूषण कुमार, थाना प्रभारी, बिरसानगर


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