दो दिनों के बाद भी नहीं शुरू हो पाया विक्षिप्त महिला का इलाज
कदमा स्थित बसंती अपार्टमेंट से निकाली गई मानसिक रूप से बीमार महिला अंजू देवी को तीन दिनों बाद भी इलाज के लिए पुलिस एमजीएम अस्पताल में भर्ती नहीं करा सकी। मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के अधिकारी हरपाल सिंह ने महिला को भर्ती करने के लिए एमजीएम अस्पताल के असिस्टेंड सुपरीटेंडेंट से बात की तो उन्होंने महिला को भर्ती करने से इंकार करते हुए कह दिया कि डाक्टर छुंट्टी में है। इस कारण महिला को भर्ती नहीं किया जा सकता। जिसके कारण महिला तीन दिनों से महिला थाना में ही है। मानसिक रूप से बीमार महिला को महिला पुलिस द्वारा संभालना भी मुश्किल हो रहा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कदमा स्थित बसंती अपार्टमेंट से निकाली गई मानसिक रूप से बीमार महिला अंजू देवी को तीन दिनों बाद भी इलाज के लिए पुलिस एमजीएम अस्पताल में भर्ती नहीं करा सकी। मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के अधिकारी हरपाल सिंह ने महिला को भर्ती करने के लिए एमजीएम अस्पताल के असिस्टेंड सुपरीटेंडेंट से बात की तो उन्होंने महिला को भर्ती करने से इंकार करते हुए कह दिया कि डाक्टर छुंट्टी में है। इस कारण महिला को भर्ती नहीं किया जा सकता। जिसके कारण महिला तीन दिनों से महिला थाना में ही है। मानसिक रूप से बीमार महिला को महिला पुलिस द्वारा संभालना भी मुश्किल हो रहा है।
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मायके व ससुराल वाले पहुंचे थाना
मानसिक रूप से बीमार अंजू देवी की स्थिति से महिला थाना में अंजू देवी के ससुराल व मायके वालों को अवगत कराया था, जिसके महिला का पति किशलय किशोर, दादा, नाना व मामा बुधवार को महिला थाना पहुंचे। महिला थाना पहुंच कर वे लोग महिला व बच्चों को अपने साथ ले जाना चाहते थे। इस बात की सूचना जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की को दी गई और फिर परिवार के लोग पुष्पा रानी तिर्की से मिलने के मिलने के लिए उनके कार्यालय पहुंचे। जहां ससुराल व मायके वाले अंजू देवी व बच्चों की जिम्मेदारी को लेकर टाल मटोल करने लगे। तब जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने मायके व ससुराल वालों की फटकार लगाई।
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ससुराल वाले देंगे रुपये, मायके वाले कराएंगे इलाज
फटकार के बाद यह निर्णय लिया गया कि महिला अंजू देवी के इलाज में जितने रुपये खर्च होंगे उसे ससुराल पक्ष के लोग देंगे। महिला को अस्पताल में रखकर या अपने घर में रखकर इलाज कराने की जिम्मेदारी मायके पक्ष की होगी। इस पर दोनों पक्ष तैयार हो गए हैं। अब गुरुवार को डाक्टर से महिला को दिखाने के बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि महिला को किस अस्पताल में भर्ती करना है।
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बच्चे जा सकते हैं बर्मामाइंस केपीएस स्कूल
अंजू देवी के दोनों बच्चे फिलहाल मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट में हैं। इन बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च उनके पिता किशलय किशोर उठाने को तैयार हैं। ठंड के कपड़े व उनका पूरा खर्च देने की बात पर सहमति तो बनी है लेकिन इस पर गुरुवार को निर्णय होगा। कदमा केपीएस से इन बच्चों को हटवा कर इनका नाम बर्मामाइंस केपीएस स्कूल में लिखवाने पर विचार किया जा रहा है। जिससेउनकी पढ़ाई बाधित न हो।