अजब-गजब : खाकी वर्दी पर आती है आंच तो होने लगती है जांच पर जांच Jamshedpur News
कोई आधा दर्जन मामलों में जमशेदपुर पुलिस का रवैया हलकान करनेवाला है। जब वर्दी पर दाग लगता है तो पुलिस जांच के बहाने दामन बचाने में लग जाती है।
जमशेदपुर, अन्वेष अंबष्ट। जमशेदपुर शहर में एक बार फिर वर्दी वाले पर दुष्कर्म जैसा गंभीर आरोप लगा है। पीड़िता की शिकायत पर हवलदार अशोक कुमार पर सोनारी थाना में प्राथमिकी तो डीजीपी के आदेश के बाद दर्ज कर ली गई, लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं हुई।
वरीय अधिकारी कह रहे हैं कि जांच हो रही है, जब आरोप सत्य होगा तो आगे की कार्रवाई होगी। कह दिया गया कि पहले पीड़िता की एमजीएम अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई। रिपोर्ट में क्या आता है देखा जाएगा। कोर्ट में बयान दर्ज होगा। वह कोर्ट में क्या बयान देती है, इस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। दिलचस्प बात यह कि जब भी किसी वर्दी वाले पर आरोप लगते हैं तो कई जांच एक साथ शुरू कर दी जाती है। जांच की प्रक्रिया इतनी लंबी हो जाती है कि मामले की लीपापोती भी हो जाती है। ऐसा नहीं कि ऐसा पहली बार हो रहा है। इससे पहले भी ऐसा होता रहा है। तमाम मामलों की लीपापोती कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
मानगो में नाबालिग से दुष्कर्म का मामला
मानगो के एक आवासीय कॉलोनी की नाबालिग से दुष्कर्म का मामला सामने है। मामले में पटमदा के तत्कालीन डीएसपी और एमजीएम थाना के तत्कालीन थानेदार इमदाद अंसारी समेत कई पर पीड़िता ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। वर्दीधारियों पर जब आंच आई तो मामले की इतनी जांच हुई कि दोनों वर्दीधारियों को कुछ भी नहीं हुआ सिवाय स्थानांतरण के। नाबालिग से दुष्कर्म मामले में पोक्सो एक्ट के तहत मानगो थाना में मामला दर्ज है।
टेल्को की नाबालिग से दुष्कर्म की घटना
टेल्को की नाबालिग से दुष्कर्म का मामला भी सबके सामने है। नाबालिग को देह व्यापार में धकेला गया। उसके साथ पुलिसकर्मियों ने मुंह काला किया था। पुलिसकर्मियों का नाम भी सामने आया। अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बता दें कि मामले में मध्यप्रदेश के रायपुर के पुलिसकर्मियों और सफेदपोशों की संलिप्तता सामने आई थी। धंधे में शामिल दो महिला समेत तीन को पुलिस ने जेल भेज मामले की इतिश्री कर ली।
महिला अधिवक्ता से सिपाही ने की छेड़खानी
महिला अधिवक्ता के साथ कोर्ट हाजत के एक सिपाही जमील अख्तर ने छेड़खानी की। सिपाही के खिलाफ सीतारामडेरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। सिपाही ने भी महिला अधिवक्ता के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज करा दिया। आगे की कार्रवाई अब तक नहीं हुई। इसी तरह सोनारी निलंबित सब-इंस्पेक्टर द्वारा पत्नी समेत तीन पर फायरिंग करने और इस फायरिंग में एक महिला की मौत होने के मामले में भी जांच ही चल रही है।
साकची में चालक की बेरहमी से पिटाई
साकची थाने के एक सहायक अवर निरीक्षक ने ट्रक चालक की बेरहमी से पिटाई की। उसका पर्स और सात हजार रुपया ले लिया गया। सीसीटीवी में सबकुछ कैद हो गया। चालक ने एसएसपी को लिखित शिकायत दी। एसएसपी ने ट्रैफिक डीएसपी शिवेंद्र कुमार को जांच का आदेश दिया। अब तक कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे ममालों में जांच तक ही कार्रवाई सीमित रह जाती है, इसके बाद मामला ठडा पड़ जाता है और कुछ नहीं होता। पुलिस का रवैया तब देखनेवाला होता है जब कोई पुलिस महकमे का कर्मी दागदार होता है।