जो मांगया ठाकुर, अपने ते सोई सोई देवे..
जो मांगया ठाकुर अपने ते सोई-सोई देवे..। सतगुरु की सेवा सफल है जे को करैं चित लाये..। सतगुरु नानक प्रगटया मिटी धुंध जग चानन होवा..। आदि कीर्तन गुरवाणी कीर्तन से शहर में सुबह-सुबह भक्तिमय छा जा रही है। इससे संगत निहाल हो रही है। सुबह-सुबह गुरवाणी कीर्तन सुनकर राहगीरों के कदम भी ठहर जाते हैं। बच्चों, महिलाओं व युवाओं के कीर्तनी जत्थे में राहगीर भी शामिल होने से अपने आप को रोक नहीं पाते।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जो मांगया ठाकुर अपने ते सोई-सोई देवे..। सतगुरु की सेवा सफल है जे को करैं चित लाये..। सतगुरु नानक प्रगटया मिटी धुंध जग चानन होवा..। आदि कीर्तन गुरवाणी कीर्तन से शहर में सुबह-सुबह भक्तिमय छा जा रही है। इससे संगत निहाल हो रही है। सुबह-सुबह गुरवाणी कीर्तन सुनकर राहगीरों के कदम भी ठहर जाते हैं। बच्चों, महिलाओं व युवाओं के कीर्तनी जत्थे में राहगीर भी शामिल होने से अपने आप को रोक नहीं पाते।
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तीन बजे भोर से शुरू होता कीर्तन
सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी के प्रकाश देहाड़ा से करीब दस दिनों पहले से ही शहर के 34 गुरुद्वारों की स्त्री सतसंग सभा, सिख नौजवान सभा व स्थानीय संगत संयुक्त रूप से प्रभात फेरी निकाल रही है। प्रभात फेरी निकालने से पहले संगत स्थानीय गुरुद्वारा में पहुंचती है और अरदास करने के बाद गुरवाणी कीर्तन करते हुए जत्था में घुमने लगता है। सुबह छह बजे तक पुन: गुरुद्वारा पहुंच जाते हैं। इस दौरान ढोल व अन्य वाद्य यंत्र से जत्थे लैस होते हैं।
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बुलावे पर प्रभात फेरी जाती है संगत के घर
मन्नत पूरी होने और अपनी खुशी से सिख समुदाय के लोग प्रभात फेरी करने वाले सदस्यों को अपने घर आमंत्रित करते हैं। इसके लिए गुरुद्वारा में पूर्व से सूचना देनी पड़ती है। तब प्रभातफेरी में शामिल जत्थे के सदस्य कीर्तन करते हुए बुलाने वाले के घर जाते हैं और उनके घर के बाहर खड़े होकर गुरवाणी कीर्तन व शब्द पढ़ते हैं। प्रभातफेरी में शामिल संगत को खुशी से नाश्ता करवाया जाता है।
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सोनारी गुरुद्वारा से निकली प्रभात फेरी
सोनारी गुरुद्वारा से गुरुवार की तड़के प्रभात फेरी निकली। प्रभात फेरी सोनारी खूंटाडीह निवासी कृपाल सिंह, कश्मीर सिंह, नरेंद्र सिंह, हरभजन सिंह सहित अन्य के घर में गई। प्रभात फेरी को सफल बनाने में सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान तारा सिंह व उनकी कमेटी के सदस्य, नौजवान सभा व स्त्री सभा शामिल थे।
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गुरुनानक देव जी महाराज के प्रकाश देहाड़ा से करीब दस दिनों पहले अपने अपने क्षेत्र में प्रभातफेरी निकाली जाती है। इसमें छोटे बच्चों से लेकर युवा व बुजुर्ग तक शामिल होते हैं।
- तारा सिंह, प्रधान, सोनारी गुरुद्वारा प्रभात फेरी में सात से 15 वर्ष के बच्चे भी उत्साह से शामिल होते हैं। ये बच्चे अपने क्षेत्र के घरों के दरवाजे खटखटा कर संगत को प्रभातफेरी में जाने के लिए जगाते हैं।
- सतवीर सिंह सुमो, प्रधान, नौजवान सभा प्रभात फेरी में सिखों के अलावा गैर सिख भी शामिल होते हैं। प्रभात फेरी में पूरी श्रद्धा से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी करते हुए संगत को निहाल करते हैं।
- सुखवंत सिंह, धर्म प्रचार सेंटर प्रभातफेरी के दौरान सिर्फ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी का ही कीर्तन करें और कच्ची धारना से गुरेज करे।
- हरविंदर सिंह, जमशेदपुरी प्रचारक