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आरटीआइ के इस्तेमाल लिए अनिवार्य नहीं है पोस्टल आर्डर, ये भी हैं विकल्प Jamshedpur News

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना हासिल करने के लिए पोस्‍टल ऑर्डर की बाध्यता नहीं है। आइए जानिए और क्या हैं विकल्प।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 02:14 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 11:05 AM (IST)
आरटीआइ के इस्तेमाल लिए अनिवार्य नहीं है पोस्टल आर्डर, ये भी हैं विकल्प Jamshedpur News
आरटीआइ के इस्तेमाल लिए अनिवार्य नहीं है पोस्टल आर्डर, ये भी हैं विकल्प Jamshedpur News

जासं, जमशेदपुर : सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम-2005 के अंतर्गत किसी भी विभाग से सूचना मांगने के लिए आमतौर पर 10 रुपये का पोस्टल आर्डर संलग्न किया जाता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। सूचना अधिकार के लिए आप 10 रुपये मूल्य का पोस्टल आर्डर के अलावा बैंकर चेक या नान-ज्यूडिशियल स्टाम्प भी संलग्न कर सकते हैं। 

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इस आशय की अधिसूचना केंद्र सरकार के अलावा झारखंड सरकार के राज्यपाल के सचिव एसके शतपथी द्वारा 25 मई 2007 को जारी की गई थी। इस अधिसूचना को झारखंड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने चार जून 2007 को सभी विभागों को प्रेषित किया था। आरटीआइ कार्यकर्ता सदन कुमार ठाकुर ने बताया कि इस आशय का निर्देश सूचना का अधिकार अधिनियम में केंद्र सरकार द्वारा भी जारी किया गया था, लेकिन पोस्टल आर्डर का चलन इतना बढ़ गया कि इसे अनिवार्य मान लिया गया।

नजारत से ले सकते रसीद

सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कागजात-दस्तावेजों की छाया प्रति के लिए विभागों द्वारा जो अतिरिक्त राशि की मांग की जाती है, उसे भी बैंकर्स चेक, डिमांड ड्राफ्ट या कोर्ट स्टाम्प फीस के रूप में जमा किया जा सकता है। यही नहीं 10 रुपये की नगद राशि देकर नजारत से रसीद लेकर भी शुल्क के रूप में जमा किया जा सकता है। 


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