बिल्ला पर फायरिंग मामले में पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार Jamshedpur News
झारखंड सिख प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला पर विगत 9 नवंबर को गोली चलाने की घटना में शामिल दो आरोपितों को सीतारामडेरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। झारखंड सिख प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला पर विगत 9 नवंबर को गोली चलाने की घटना में शामिल दो आरोपितों को सीतारामडेरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
यह आरोपित गालूडीह के महुलिया गांव का उत्तम पंडा और सरायकेला के नीमडीह थाना क्षेत्र के गुंडा गांव का राजकिशोर महतो उर्फ साधु महतो हैं। दोनों आरोपितों को बस स्टैंड के नजदीक से गिरफ्तार किया। दोनों ने स्वीकार किया है कि वे गुरचरण सिंह बिल्ला पर गोली चलाने वाले आरोपितों के साथ थे।
उनके पास से पुलिस ने एक हीरो होंडा मोटरसाइकिल, 3 देसी कट्टा और 8 गोलियां बरामद की हैं। एसएसपी अनूप बिरथरे ने बताया की गोली चलाने की घटना से पूर्व दोनों आरोपितों को जमशेदपुर के सीजीपीसी दफ्तर के ऊपर वाले हिस्से में ठहराया गया था। वहां से इन्हें तीन बजे घटना को अंजाम देने के लिए ले जाया गया था। घटना को अंजाम देने वाले दो मुख्य शूटर आदित्यपुर के रहने वाले हैं। दोनों फरार हैं। पुलिस दोनों की तलाश कर रही है। गौरतलब है कि इस मामले में सीजीपीसी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे और उनके साथी अंबे को गिरफ्तार कर पहले ही पुलिस जेल भेज चुकी है।
मारपीट का बदला लेने के लिए फायरिंग
सीतारमडेरा थाना के करीब सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला पर फायरिंग टिनप्लेट गुरुद्वारा के विवाद मे अंबे से मारपीट का बदला लेने के लिए कराई गई थी। गुरचरण सिंह बिल्ला कई साल पहले टिनप्लेट गुरुद्वारा के प्रधान हुआ करते थे। उनके पद से हटने के बाद गुरुद्वारा के हिसाब-किताब को लेकर विवाद चल रहा था। तीन साल पहले बैशाखी के दिन दोनों पक्षों में भिड़ंत हुई थी।
दोनों तरफ से तलवारें निकल आई थीं। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ सिदगोड़ा थाने में केस दर्ज कराया गया था। घटना के छह महीने के बाद अमरजीत सिंह अंबे और गुरचरण सिंह बिल्ला के बीच फिर मारपीट की घटना हुई थी। अंबे इसी का बदला लेने की फिराक में था। विगत नौ नवंबर को बिल्ला पर फायरिंग की गई। इस मामले में सीजीपीसी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे और टिनप्लेट गुरुद्वारा कमेटी के अमरजीत सिंह अंबे को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पुलिस के अनुसार, मुखे और अंबे ने फायरिंग की घटना में अपनी संलिप्ता स्वीकार कर ली है। पुलिस ने वारदात में उपयोग किए गए बोलेरो और मोबाइल भी जब्त किया था। ऐसा पहली बार हुआ जब पद पर रहते सीजीपीसी के किसी प्रधान को जेल भेजा गया।
एसएसपी अनूप बिरथरे ने कहा कि सभी पहलुओं पर गहराई से छानबीन करते हुए सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर मामले में गुरमुख सिंह मुखे व अमरजीत सिंह अंबे की संलिप्तता सामने आई थी। एसएसपी ने बताया कि दोनों ने घटना को अंजाम देने के लिए बाहर से शूटर्स बुलाए थे।