क्वारंटाइन सेंटर में चिकित्सकों को खुद करनी होगी खाने की व्यवस्था Jamshedpur News
कोरोना ड्यूटी में तैनात चिकित्सकों को खुद ही खाने की व्यवस्था करनी होगी। इसकी सूचना जब चिकित्सकों को मिली तो उनकी नाराजगी बढ़ गई।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोरोना ड्यूटी में तैनात चिकित्सकों को खुद ही खाने की व्यवस्था करनी होगी। इसकी सूचना जब चिकित्सकों को मिली तो उनकी नाराजगी बढ़ गई।
चिकित्सकों का कहना है कि जान की बाजी लगाकर वे मरीजों की सेवा में जुटे है लेकिन उनको खाने तक की व्यवस्था नहीं है। दरअसल, कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया है।
यहां तैनात चिकित्सकों को सात दिन काम करना होगा और 14 दिन क्वारंटाइन में रहना होगा। बिष्टुपुर स्थित निर्मल गेस्ट हाउस को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां पर 30 रूम बुक किया गया है, जिसमें डॉक्टर के अलावे नर्स, टेक्नीशियन व सफाई सेवक रहेंगे। यहां रहने के लिए कोई किराया नहीं देना होगा लेकिन खाने के लिए पैसा देना होगा।चिकित्सकों का कहना है कि दूसरे जिले में रहने से लेकर खाने तक की व्यवस्था वहां की जिला प्रशासन कर रही है लेकिन यहां पर नहीं हो रहा है।
हालांकि, बढ़ते मामले को देखते हुए एमजीएम प्रबंधन इसके समाधान को लेकर विचार करने में जुट गई है। चिकित्सक अगर थोड़ा भी विरोध जताया तो एमजीएम प्रबंधन खुद खाने की व्यवस्था करेगी और अस्पताल के अाहार विभाग से खाना पैककर उन्हें भेजा जाएगा। उधर, कोरोना ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को कहना है कि दिनभर में खाने पर प्रति डॉक्टर करीब 150 रुपये खर्च अाएगा। बेहतर होता कि निर्मल गेस्ट हाउस में ही खाना बन जाता। जिससे किसी को परेशानी नहीं होती। कुछ चिकित्सकों का यह भी कहना है कि एमजीएम में मरीजों के लिए बना खाना उन्हें पसंद नहीं आएगा।