आया फेरोमोन ट्रैप, खुद जाल में फंस जाएंगे कीड़े
एक एकड़ फसल की रक्षा के लिए पांच फेरोमोन ट्रैप चाहिए। दो-तीन सौ रुपये खर्च आता है।
जमशेदपुर, मनोज सिंह। जी हां, कीड़े अब खेत में फसलों को नुकसान पहुंचाने में सफल नहीं हो पाएंगे। कृषि वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है कि ये कीड़े खुद ब खुद जाल में फंस जाएंगे। इस तकनीक का नाम है- फेरोमोन ट्रैप। पूर्वी सिंहभूम जिला कृषि विभाग ने बड़े पैमाने पर इस तकनीक को मंगाया है। इसे किसानों के बीच बांटा जा रहा है। मकसद यह है कि कीड़ों से न सिर्फ फसलों की सुरक्षा हो, बल्कि रसायन का इस्तेमाल भी घटे व बंपर उत्पादन भी हो। इसका प्रयोग बेहद आसान व सस्ता है। यह हर मौसम के लिए कारगर है।
अनुदान भी दे रही सरकार:
एक एकड़ फसल की रक्षा के लिए पांच फेरोमोन ट्रैप चाहिए। दो-तीन सौ रुपये खर्च आता है। राज्य सरकार 50 फीसद अनुदान दे रही है। पटमदा के किसान श्रीमंत मिश्र कहते हैं कि उन्होंने टमाटर के खेत में पहली बार उपयोग किया। काफी लाभ हुआ है।
इस तरह फंसते हैं:
फेरोमेन ट्रैप का एक सेट पांच पीस का होता है। इसमें जाली होती है। इसके नीचे चिपचिपा पदार्थ होता है। यह दो तरह के होते हैं- नर गंध व मादा गंध। एक एकड़ खेत में पांच पीस लगा सकते हैं। यदि नर गंध ट्रैप लगाया है तो मादा कीड़े मिलन के लिए इस ओर आकर्षित होंगे और जाल में फंसकर मर जाएंगे। यदि मादा गंध वाले ट्रैप लगे होंगे तो जाली में नर कीड़े फंस जाते हैं। इस तरह खेत से धीरे-धीरे कीड़े पूर तरह नष्ट हो जाते हैं।
शत्रु से लड़ते हैं मित्र कीड़े:
कृषि विभाग किसानों को मित्र कीड़े भी मुहैया करा रहा है। इनके नाम हैं- ब्यूवेरिया बासियाना और नीम बेस केमिकल। यह दोनों जैविक कीटनाशी हैं। फसलों में लगने वाले व्हाइट फली, टिड्डा, कीड़ा, फंगल, दीमक, मक्खी आदि के लार्वा को खा जाते हैं। यही नहीं खाने के बाद इनका भी जीवन नष्ट हो जाता है। बाजार में 4 सौ से पांच सौ रुपये किलो की दर से यह उपलब्ध है।