टाटा स्टील में पेट्रोल भत्ते की होगी निगरानी
टाटा स्टील कंपनी में कर्मचारी जो भी चार पहिया वाहन लेकर प्रवेश करते हैं, उन्हें अब इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक सिस्टम वाले आरएफआइडी युक्त स्टीकर अपनी गाड़ियों पर चिपकाना होगा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटा स्टील में कितने कर्मचारी ऐसे हैं जो लेते तो चार पहिया वाहन का पेट्रोल भत्ता, लेकिन ड्यूटी पहुंचते हैं दोपहिया से। टाटा स्टील प्रबंधन रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) से अब ऐसे कर्मचारियों पर नजर रखेगी। कंपनी प्रबंधन कर्मचारियों के पेट्रोल भत्ते पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है। टाटा स्टील कंपनी में कर्मचारी जो भी चार पहिया वाहन लेकर प्रवेश करते हैं, उन्हें अब इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक सिस्टम वाले आरएफआइडी युक्त स्टीकर अपनी गाड़ियों पर चिपकाना होगा।
स्टीकर लगी हुई गाड़ी कंपनी में कहां से प्रवेश या निकास की। कहां-कहां गई, इसका पूरा ब्यौरा सिक्योरिटी कंट्रोल रूम के डाटा में सुरक्षित होगा। वहीं, कौन-कौन से ऐसे कर्मचारी हैं जो प्रबंधन से कार के लिए पेट्रोल भत्ता (कर्मचारी 1900 और सुपरवाइजर 1950 रुपये) तो लेते हैं, लेकिन दोपहिया वाहनों से कंपनी आते-जाते हैं। इसका भी डाटा प्रबंधन के पास सुरक्षित होगा। हालांकि यूनियन नेतृत्व का कहना है कि यह सामान्य प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य कंपनी में आने-जाने वाली गाड़ियों पर नजर रखना है।
अंतिम तारीख 23 अक्टूबर
कार का पेट्रोल भत्ता लेने वाले कर्मचारियों के पास आरएफआइडी वाले स्टीकर लेने की अंतिम तारीख 23 अक्टूबर है। इसके लिए कर्मचारी अपने टाइम आफिस जाकर संबंधित जानकारी देकर अपना स्टीकर ले सकते हैं।
एक कर्मचारी को दो स्टीकर
कंपनी में प्रवेश करने के लिए प्रबंधन की ओर से एक कर्मचारी को दो स्टीकर मिलते हैं। इसमें एक कार के लिए और दूसरा दोपहिया वाहन के लिए, लेकिन पेट्रोल भत्ता सिर्फ एक वाहन के लिए ही मिलेगा। अब यह कर्मचारी की इच्छा पर निर्भर करता है कि वे किस वाहन से कंपनी में प्रवेश करते हैं।