Move to Jagran APP

पांच रुपये प्रति 15 मिनट चुकाएं और खुद सूचना खंगालें

सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी के बदले मिला रेलवे का जवाब आपको हलकान कर देगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 12:41 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 12:59 PM (IST)
पांच रुपये प्रति 15 मिनट चुकाएं और खुद सूचना खंगालें

जमशेदपुर [गुरदीप राज]। सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम, 2005 के तहत मांगी जानेवाली जानकारियों को देने में आनाकानी, विलंब व अधूरी सूचना देना आम बात है। कभी-कभी इससे इतर भी रोचक जवाब मिलते हैं। ताजा नमूना वरिष्ठ मंडल अधिकारी सह जन सूचना अधिकारी चक्रधरपुर कार्यालय (रेलवे) की ओर से भेजा गया वह जवाब है जो आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी के बदले में दिया गया। जवाब में कहा गया कि आवेदनकर्ता पांच रुपये प्रति 15 मिनट चुकाएं और खुद सूचना खंगाल लें।

loksabha election banner

आरटीआइ के तहत पांच अक्टूबर को आवेदन किया गया था। चक्रधरपुर रेल मंडल के जन सूचना अधिकारी माणिक सरकार के हस्ताक्षरित जवाब में कहा गया कि आपने जो जरूरी सूचना मांगी है वह पुरानी फाइलों से निकालकर 450 पेज की फोटो कॉपी कराकर दी जा सकती है। यह तीन दिन का लिपिकीय कार्य होगा। इसके लिए तीन दिन तक एक सीनियर व जूनियर क्लर्क को लगाना होगा। एक सीनियर क्लर्क का मासिक वेतन 29200 रुपये, जबकि जूनियर क्लर्क का मासिक वेतन 19900 रुपये है। दोनों क्लर्क को तीन दिन इस कार्य में लगाने के एवज में उनके तीन दिन का वेतन 2920 रुपये व 1990 रुपये आवेदक को जमा करने होंगे। इसके अलावा 450 पेज की फोटोकॉपी के लिए 900 रुपये मिलाकर कुल 5810 रुपये जमा करने पर वांछित सूचना दी जा सकती है।

5810 रुपये जमा नहीं कर सकते तो.. 

 पत्र के अगले पैरा में लिखा है, यदि आप 5810 रुपये फीस जमा करने में समर्थ नहीं हैं तो अगले 30 दिन के अंदर किसी कार्य दिवस पर इस कार्यालय आएं। पहले से जानकारी देने पर कार्यालय का रिकॉर्ड देखने दिया जाएगा। दस्तावेजों का अवलोकन करने के लिए पहले घंटे में कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। पहले घंटे के बाद प्रति 15 मिनट पांच रुपये के हिसाब से शुल्क जमा करना होगा। यदि इस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी रेलवे के चक्रधरपुर मंडल कार्यालय से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर कुछ इसी तरह के जवाब दिए जाते रहे हैं। जानकारों का मानना है कि रेलवे के इस कदम से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगने की इच्छा रखने वाले लोगों के उत्साह को झटका लग सकता है।

यह मांगी गई जानकारी

-चक्रधरपुर मंडल में पिछले दो वित्तीय वर्ष तथा वर्तमान वर्ष में सितंबर तक विभिन्न ट्रेनों के एसी कोच से कितनी संख्या में तौलिया, चादर, तकिया, तकिया कवर, टॉयलेट मग, फ्लश पाइप, नल के टैप की चोरी हुई है।

-इस अवधि में चोरी गए तौलिया, चादर, तकिया, तकिया कवर, टॉयलट मग, फ्लश पाइप, नल के टैप का मूल्य।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.