क्रूरता की सारी हदें पार कर गया यह मामा, रोंगटे खड़े कर देगी सच्चाई
जमशेदपुर के कदमा के शिवम शौर्य उर्फ ओम हत्याकांड में सवाल अब भी यही उमड़-घुमड़ रहा है कि कोई रिश्तेदार इतना क्रूर कैसे हो सकता है।
जमशेदपुर, जेएनएन। जमशेदपुर के कदमा के शिवम शौर्य उर्फ ओम हत्याकांड के आरोपित अभिषेक झा उर्फ मुन्ना की तलाश के लिए पुलिस की तीन टीमों का गठन किया गया है। तीनों टीमें अनुमान के आधार पर रांची, कोलकाता और बिहार के सहरसा के लिए रवाना हो गई है। पुलिस को भरोसा है कि उसे जल्द पकड़ लिया जाएगा। लेकिन सबसे अहम सवाल अब भी यही लोगों के जेहन में लगातार उमड़-घुमड़ रहा है कि एक कोई रिश्तेदार इतना क्रूर कैसे हो सकता है।
ओम की हत्या में उसके मामा मुन्ना ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी। ओम के शव देखकर हत्यारोपी के प्रति न केवल गुस्सा बल्कि नफरत भी पैदा हो रही थी। बच्चे शिवम उर्फ ओम का शव देखने से पता चला कि उसे तड़पाकर मारा गया है। उसकी दोनों आंखों में खून जमा था। उसकी पसलियां टूट गई थीं और एक हाथ मरोड़ कर तोड़ दिया गया था। पेट में बाईं तरफ चोट के निशान थे। स्याह दाग साफ दिख रहा था।
मासूम को पत्थर से कूचा गया
पुलिस ने बताया कि शव देखने से लगता है कि पहले बच्चे को पत्थर से कूचा गया। उसका हाथ तोड़ दिया गया। इसके बाद उसका गला घोंट दिया गया। हाथ पर बच्चे के शव लिए पिता धर्मेद्र को नहीं पता था कि उसके बच्चे के साथ कितनी निर्ममता की गई है। हाथ तोड़ने की बात सुनी तो वो ये कहते हुए फफक पड़े- मेरे बाबू का हाथ भी तोड़ दिया। फिर शव को छिपाने के नीयत से झाड़ी के पास छोड़ दिया गया। संभावना व्यक्त की गई कि बच्चे को बांधकर उसके पेट, सिर और अन्य अंगों पर पत्थर से प्रहार हुए। एक पैर का जूता और मोजा गायब मिला है।
पहले भी घुमाने ले जाता था भांजे को
बच्चे की मां शारदा उर्फ रजनी मिश्र ने बताया कि उसका हत्यारोपित भाई ओम को पहले भी घर से बाहर लेकर जाता था। इसलिए जब ओम उसके साथ गया तो नहीं लगा कि कुछ गलत हो सकता है।
जन्मदिन पर पिता देने वाले थे जैकेट
15 दिसंबर को मासूम ओम का तीसरा जन्म दिन था। इस बार पिता धर्मेद्र और मां शारदा मिश्र उर्फ रजनी अपने लख्त-ए-जिगर का बर्थ डे धूमधाम से मनाने वाले थे। रिश्तेदारों को दावत दे दी गई थी। इसके लिए खरीदारी भी हो गई थी। लेकिन, शारदा का सगा भाई ही उनके बेटे के लिए काल बन कर आया और जश्न का समां गुरुवार की सुबह मातम में तब्दील हो गया। पार्वती घाट पर धर्मेद्र अपने हाथों में अपने बच्चे की लाश लिए टेंपो पर बैठे अंतिम संस्कार के लिए बारी का इंतजार कर रहे थे। बच्चे के बारे में पूछे जाने पर उनकी आंखें छलछला उठीं। रोते हुए बोले कि वो तो अपने बच्चे के जन्म दिन की तैयारी में जुटे थे। क्या पता था कि ओम अपना अगला जन्म दिन नहीं देख पाएगा। उन्होंने अपने जिगर के टुकड़े के लिए एक खूबसूरत जैकेट खरीदी थी। बाबू जैकेट नहीं पहन पाया। मृतक बच्चे की मां शारदा ने बताया कि वो अपने बेटे के लिए एक अच्छा सूट लाई थीं। सेंट मैरीज प्ले स्कूल जाने वाले ओम के साथ पढ़ने वाले कुछ बच्चों को भी बुलाया गया था। बच्चा भी खुश था।
घटना की कहानी शिवम के माता-पिता की जुबानी
धमेंद्र मिश्र ने बताया कि आशुतोष कुमार झा उर्फ मुन्ना कदमा ईसीसी फ्लैट से बुधवार दोपहर उनके कदमा रामजनमनगर स्थित घर पर आया। साथ खाना खाया। जब वे आफिस जाने लगे तो आशुतोष ने निजी सुरक्षा एजेंसी के एक पदाधिकारी के नाम पत्र लिखने को कहा। पत्र ड्यूटी अडजेस्टमेंट को लेकर था। पत्र लिख कर धर्मेद्र ऑफिस चले गए। बुधवार से दस दिन पहले भी वो उनके घर पर आया था।
ये भी पढ़ें: जमशेदपुर: मामा बना कंस, कुरकुरे खिलाने के बहाने कर दिया भांजे का कत्ल