अरे चिटूआ, माई ट्रेनवा में चढ़लस कि ना रे..
दिन मंगलवार स्थान टाटानगर स्टेशन। स्टेशन में घुसते ही तिल रखने की जगह नहीं।
जासं, जमशेदपुर : दिन मंगलवार, स्थान टाटानगर स्टेशन। स्टेशन में घुसते ही तिल रखने की जगह नहीं। बिहार जाने वाली ट्रेन से जाने वाले ऐसे यात्रियों के चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा था, जिनका रिजर्वेशन नहीं हो पाया या फिर जो जनरल बोगी में सफर करने को मजबूर थे। रात 8.25 बजे जैसे ही स्टेशन पर दुर्ग-राजेंद्रनगर वाया टाटा साउथ बिहार एक्सप्रेस पहुंची, स्टेशन पर भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। बच्चे मां की अंगुली पकड़ खड़े थे, तो पापा ट्रेन में सीट जुगाड़ करने के चक्कर में धक्का-मुक्की कर रहे थे। तभी भीड़ में किसी ने चिल्लाया,'अरे चिटूआ, माई ट्रेनवा में चढ़लस कि ना रे..। उधर चिटू की आवाज आई,'हां बाबूजी, माई चढ़ गइली, रउआ कहां बानी। कुछ यही नजारा टाटा-दानापुर सुपर एक्सप्रेस, टाटा-पठानकोट एक्सप्रेस से लेकर टाटा-छपरा एक्सप्रेस का रहा। स्लीपर कोच में तो स्थिति सामान्य थी, मगर जेनरल कोच का हाल बुरा था। हाथों में भारी-भरकम बैग लिए कई यात्री भीड़ में एक पैर पर खड़े होकर सफर करने को मजबूर थे। कई यात्रियों ने गेट के पायदान पर खड़े होकर सफर किए। जो यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ सके, वे टाटा-छपरा एक्सप्रेस में जाने की बात कह अपने दिल को सांत्वना देते रहे। जब टाटा-छपरा एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर लगी तो इस ट्रेन का भी यही हाल रहा। कुछ शौचालय में प्रवेश कर यात्रा करते दिखे तो कई गेट पर ही खड़े-खड़े यात्री किए। टाटा-दानापुर सुपर एक्सप्रेस में तो बर्थ लूटने के लिए कई यात्री ट्रेन खुलने के दो घंटे पूर्व ही सुबह छह बजे स्टेशन पहुंच गए। वाशिग लाइन में लगी ट्रेन की इमरजेंसी खिड़की को खोल कई यात्री ट्रेन में घुस गए, मगर बाद में पुलिस ने उन्हें उतार दिया। यात्रियों का कहना था कि हर वर्ष रेलवे की ओर से होली पर बिहार के लिए स्पेशल ट्रेन चलाया जाता था। इस वर्ष स्पेशल ट्रेन नहीं चलाए जाने से टाटानगर के यात्री नाराज थे।
--
भीड़ में दबकर बेहोश हुआ यात्री
जासं, जमशेदपुर : होली पर साउथ बिहार एक्सप्रेस के सामान्य कोच में सफर कर रहे जमशेदपुर निवासी जोगिदर चौबे की तबीयत अचानक बिगड़ गयी और वह ट्रेन में ही बेहोश हो गए। घटना टाटानगर स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म की है। जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंची, सीट लूटने के लिए लोगों के बीच धक्का-मुक्की आरंभ हो गया। भीड़ को चीरते हुए जोगिदर किसी तरह ट्रेन में तो प्रवेश कर गए मगर कुछ ही देर में वह बेहोश होकर गिर पड़े। सुरक्षा के लिहाज से प्लेटफार्म पर तैनात आरपीएफ ओसी एमके सिंह ने जवानों की मदद से जोगिदर को ट्रेन से बाहर निकाला। उपचार के बाद जोगिदर को स्लीपर कोच में बैठा दिया गया।