श्रद्धाजलि सभा में पद्मश्री प्रो. दिगंबर हासदा के बताए रास्तों पर चलने का संकल्प
जागरण संवाददाता जमशेदपुर प्रोफेसर दिगंबर हासदा के निधन पर पूर्वी सिंहभूम जिले के ग्राम सभा क
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : प्रोफेसर दिगंबर हासदा के निधन पर पूर्वी सिंहभूम जिले के ग्राम सभा काशीडीह की ओर से काशीडीह क्लब भवन के प्रागण में रविवार को श्रद्धाजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोगों उपस्थित हुए। सभा के दौरान लोगों ने स्व. दिगंबर हासदा के बताए रास्तों पर चलने का संकल्प लिया। समाज के प्रति उनके योगदान को याद किया। सभा में उनके पैतृक गाव डोभापनी के ग्रामीण भी शामिल हुए।
सर्वप्रथम दिवंगत पद्मश्री दिगंबर हासदा की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद सभी लोगों ने एक मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता सह झारखंड नवनिर्माण अभियान के मदन मोहन सोरेन ने कहा कि प्रो. दिगंबर हासदा शिक्षाविद व एलबीएस कॉलेज के संस्थापक सदस्य थे। जनजातीय और संताली भाषा के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। केंद्र सरकार के जनजातीय अनुसंधान संस्थान और साहित्य अकादमी के सदस्य भी रहे। उनका निधन होना झारखंडी समाज की अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि दिगंबर का जीवन मुख्य रूप से साधारण और गरीब परिवार के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उनसे आदिवासी समाज को ताकत मिलती थी। उनके योगदान से समाज का बहुत विकास हुआ। समाज का नाम ऊंचा हुआ। जरूरत है कि समाज उनके बताए रास्तों पर चले। बच्चों को शिक्षित करे ताकि समाज में उनके जैसे महापुरुष और पैदा हों। समाज का नाम रोशन करें।
इस अवसर पर माझी बाबा मार्शल सोरेन, बेंगल सोरेन, जेकोब किस्कु, सनातन मुर्मू, तोड़ो सोरेन, सुशील सोरेन, मंगल सोरेन, राजेश सोरेन, सुखेन सोरेन, गुरुचरण मुर्मू, जितेन हासदा, फुदन टुडू, सोमाय मुर्मू, पाकलु मुर्मू साथ मे कई महिला आदि उपस्थित थे।