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पूर्वी सिंहभूम जिले के सरायकेला-खरसावां में एक लाख हेक्टेयर जमीन में लहलहाएगी धान की फसल

सरायकेला-खरसावां जिले में धान की फसल का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। इस वर्ष में एक लाख हेक्टेयर भूमि में धान फसल की खेती की जाएगी। धान की खेती करने के लिए जिला कृषि विभाग ने प्रखंडवार लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 05:08 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 05:08 PM (IST)
पूर्वी सिंहभूम जिले के सरायकेला-खरसावां में एक लाख हेक्टेयर जमीन में लहलहाएगी धान की फसल
अपनी जमीन पर धान रोपने के लिए खेत तैयार करता किसान

सरायकेला (जागरण संवाददाता)। सरायकेला-खरसावां जिले में धान की फसल का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। इस वर्ष में एक लाख हेक्टेयर भूमि में धान फसल की खेती की जाएगी। धान की खेती करने के लिए जिला कृषि विभाग ने प्रखंडवार लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। लक्ष्य के मुताबिक धान फसल की खेती की जाएगी। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिला कृषि विभाग ने तैयारी पुरी कर ली है, ताकि लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सके। जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर ने बताया कि विभाग से 4319 क्विंटल धान के बीज की मांग की गई है, जिसमें अबतक 1104 क्विंटल बीज किसानों को दे दिया गया है। बाकी बचे बीज एक सप्ताह के अंदर किसानों को बांट दिया जाएगा। लक्ष्य के मुताबिक धान की खेती करने के लिए विभाग ने किसानों को उत्तम क्वालिटी के धान का बीज किसानों को उपलब्ध करा दिया गया है। खेतों में बिचड़े बोने का भी लक्ष्य तय कर दिया गया है। जिले में एक लाख हेक्टेयर भूमि में धान की खेती करने के लिए 12 हजार हेक्टेयर भूमि में किसान धान के बिचड़े डाले गए है। अमूमन तौर पर किसान खेतों में रोहिणी नक्षत्र से धान के बिचड़े डालने का काम शुरू कर देते हैं। बिचड़े डालने का काम आर्द्रा नक्षत्र तक किसान करते हैं। इसके बाद बिचड़े तैयार हो जाने पर बिचड़े की रोपाई करते हैं।

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किस प्रखंड में कितना लक्ष्‍य

जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर ने बताया कि खरीफ फसल की खेती करने के लिए प्रखंडवार लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिले में एक लाख हेक्टेयर जमीन पर खरीफ फसल लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें सरायकेला 113, खरसवां 119, कुचाई 119, राजनगर 119, गम्हरिया 120, चांडिल 114, नीमडीह 120, ईंचागढ़ 114 व कुकडू प्रखंड में 52 हेक्टेयर शामिल है। वहीं, 1390 हेक्टेयर जमीन पर विभिन्न प्रकार के तेलहन फसल करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें सरायकेला 154, खरसवां 134, कुचाई 120, राजनगर 175, चांडिल 185, नीमडीह 175, ईंचागढ़ 185 व कुकडू प्रखंड में 87 हेक्टेयर जमीन शामिल है।


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