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Online Fraud: अगर आप भी ऑनलाइन फ्रॉड से बचना चाहते हैं तो कभी ना करें ऐसी गलती, वर्ना खाली हो जाएगा अकाउंट

Online Fraud जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास होता जा रहा है वैसे-वैसे ऑनलाइन फ्रॉड की घटना भी बढ़ती जा रही है अगर आप भी ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो आपके साथ भी फ्रॉड होने की संभावना बनी रहती है अगर आपको इस फ्रॉड से बचना है तो ये गलती नहीं करें।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Fri, 10 Jun 2022 11:47 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jun 2022 11:47 AM (IST)
Online Fraud: ऑनलाइन फ्रॉड से बचने का ये है उपाय।

जमशेदपुर, (जितेंद्र सिंह)। कदमा निवासी एनएमएल की पूर्व रिसर्चर ने सेकेंड हैंड चीज की खरीद-बिक्री की वेबसाइट ओएलएक्स पर अपने पुराने फर्नीचर को बेचने का विज्ञापन दिया था। कुछ ही देर बाद किसी ने इसे खरीदने की इच्छा जताई। कोई भी और जानकारी मांगे बगैर उसने बताया कि वह सोफे की कीमत के तौर पर 25 हजार रुपये भेज रहा है। साइबर ठग ने क्यूआर कोड भेज स्कैन करने को कहा। जैसे ही पूर्व रिसर्चर ने स्कैन किया, खाते से 57 हजार रुपए उड़ गए।

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बिष्टुपुर स्थित शाप एरिया निवासी स्पर्श बकरेवाल से क्यू आर कोड स्कैन कराकर 1.72 लाख रुपए की ठगी कर ली। साइबर ठग ने सोनारी आर्मी कैंप का कर्नल बताकर पाइप खरीदने की डील की। स्पर्श को क्यूआर कोड भेजा और स्कैन करने को कहा। क्यूआर कोड स्कैन करते ही खाते से पैसे उड़ गए।

कभी सोचा है आपने, आखिर क्यू आर कोड से साइबर ठग कैसे आपके खाते से पैसे निकाल लते हैं। क्यूआर कोड में डिजिटल ट्रांजेक्शन की पूरी दुनिया समाहित है। हम क्यूआर कोड में अपने बैंक अकाउंट और यहां तक कि क्रेडिट कार्ड का ब्योरा भी डाल सकते हैं। हम इसे तरह भी डिजाइन कर सकते हैं कि ये पेमेंट प्रोवाइडर के लिए भी काम कर सके। आम तौर पर जब हमें किसी को पैसा भेजना होता है तो उसके अकाउंट का ब्योरा लेते हैं>; उस अकाउंट नंबर को अपने अकाउंट से जोड़ते हैं और तब पैसे ट्रांसफर करते हैं। लेकिन उस अकाउंट का कोई क्यूआर कोड हो तो स्कैन करते ही हमें उसका पूरा ब्योरा मिल जाता है। इसके बाद हम पैसा तुरंत ट्रांसफर कर सकते हैं।

क्यूआर कोड स्कैन करने से पहले बरतें सावधानी

जिस तरह हम अनजान लोगों की ओर भेजे क्यूआर कोड लिंक को स्कैन करने से पहले सावधानी बरतते हैं उसी तरह हम इस बात को भी लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए ये कहां से ओरिजिनेटेड है। यानी कहां से बनाया गया है। क्यूआर कोड स्कैन कर साइबर ठगी करने वालों को ओटीपी कभी ना बताएं। कुछ साइबर अपराधी इस सुविधा का फायदा उठा कर तुरंत ही कोड में बदलाव कर देते हैं जो आसानी से पकड़ में नहीं आते। इस तरह वे एक नया अकाउंट खोल लेते हैं। दुकानों मे लगे इस तरह के कोड से खरीदार की ओर से किया गया पेमेंट दुकानदार तक नहीं पहुंचता है और खरीदार को भी चपत लग जाती है। इसलिए स्कैन करने से पहले क्यूआर कोड को चेक कर लें। हो सकता है कि आपके सिस्टम में क्यूआर कोड की आड़ में कोई मैलवेयर इंस्टॉल कर दिया गया हो।

क्यूआर कोड पेमेंट की दिक्कतें

जब आपके बैंक में कोई रकम जमा होनी हो तो आपको किसी को ओटीपी नहीं बताना पड़ता है। आप जब किसी को पैसे भेज रहे हों तब आपके मैसेज पर आए ओटीपी को वैरिफाई करना होता है। अगर आपके अकाउंट में कोई पेमेंट आना है तो किसी क्यूआर कोड को स्कैन करने की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ किसी अकाउंट में पेमेंट करते समय क्यूआर कोड स्कैन करना पड़ता है। अगर आप इन दो बातों को ध्यान में रखेंगे तो आप इस तरह की धोखाधड़ी के फंदे में फंसने से बच जाएंगे।

ऐसे बरतें सावधानी

क्यूआर कोड स्कैन करने से पहले दूसरे पक्ष के बारे में जानकारी हासिल कर ही पेमेंट करें। अगर स्कैनर या उनके कोड में कोई गड़बड़ी हुई तो तुरंत पता चल जाएगा।आपके अकाउंट से पेमेंट सुनिश्चित होने के बाद यह सुनिश्चित कर लें कि जिसे पेमेंट किया उस तक पैसा पहुंचा है या नहीं। अगर आपके अकाउंट से पैसा कट गया है और जिसे मिलना है उस तक नहीं पहुंचा है तो हमें तुरंत संबंधित ऐप से बैंक से संपर्क करना चाहिए। सिर्फ क्यूआर कोड के मामले में ही नहीं कोई भी डिजिटल पेमेंट में हड़बड़ी नहीं दिखानी चाहिए. पैसा पहुंचने में कुछ वक्त लगता है। अमूमन पेमेंट ऐप में एक क्यूआर कोड लगा होता है। क्यूआर कोड स्कैनर ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग व रिव्यू देख लें।

क्यूआर कोड से पेमेंट

हम क्यूआर कोड में अपने बैंक अकाउंट और यहां तक कि क्रेडिट कार्ड का ब्योरा भी डाल सकते हैं। हम इसे तरह भी डिजाइन कर सकते हैं कि ये पेमेंट प्रोवाइडर के लिए भी काम कर सके। आम तौर पर जब हमें किसी को पैसा भेजना होता है तो उसके अकाउंट का ब्योरा लेते हैं। उस अकाउंट नंबर को अपने अकाउंट से जोड़ते हैं और तब पैसे ट्रांसफर करते हैं। लेकिन उस अकाउंट का कोई क्यूआर कोड हो तो स्कैन करते ही हमें उसका पूरा ब्योरा मिल जाता है। इसके बाद हम पैसा तुरंत ट्रांसफर कर सकते हैं।

कोट

आजकल साइबर ठग लोगों से क्यूआर कोड स्कैन करने को कहते हैं। जैसे ही आप स्कैन करेंगे आपके खाते से पैसा उड़ जाएगा। खासकर खरीद-बिक्री वाली साइट पर ऐसे ठग एक्टिव रहते हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

उपेंद्र कुमार मंडल, साइबर थाना प्रभारी, बिष्टुपुर


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