ये 12 योजनाएं बदल सकती हैं जमशेदपुर शहर की तस्वीर
पूर्वी सिंहभूम जिले की सूरत बदल देने का माद्दा रखने वाली एक दर्जन योजनाएं कई वर्षो से सरकारी फाइलों में धूल फांक रही हैं।
जमशेदपुर,जेएनएन। पूर्वी सिंहभूम जिले की सूरत बदल देने का माद्दा रखने वाली एक दर्जन योजनाएं कई वर्षो से सरकारी फाइलों में धूल फांक रही हैं। इनमें कुछ राज्य कैबिनेट की मंजूरी पा चुकी हैं, तो कुछ दो कदम चल कर ठहर गई हैं। कुछ घोषणाएं केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद ने की, पर बाद में इसकी सुध ही नहीं ली गई। ये योजनाएं जमीन पर उतरने की बाट जोह रही हैं। इन्हें मसीहा की तलाश है।
टाटा-रांची रोड पर इंडस्टियल कोरीडोर
राज्य सरकार ने वर्ष 2017-18 के बजट में टाटा-रांची हाईवे किनारे इंडस्टियल कोरीडोर बनाने की घोषणा की थी। राज्य में आर्थिक गतिविधियां तेज करने के लिए गोल्डन ट्रायंगल स्थापित करने की योजना थी। इसके तहत रांची-बोकारो-धनबाद को जोड़ने के लिए एक्सप्रेस-वे व इंडस्टियल कोरीडोर के लिए रांची-धनबाद-जमशेदपुर को छह लेन एक्सप्रेस-वे से मिलाने की घोषणा बजट में की गई थी। यह योजना अबतक अधूरी है।
हवाई सेवा के लिए मिल रही तारीख पर तारीख
26 अगस्त 2007 में शुरू हुई थी एयर डेक्कन की हवाई सेवा। तत्कालीन प्रबंध निदेशक बी. मुत्थुरामन ने की थी पहल। इसके बाद एमडीएलआर ने 15 अप्रैल 2009 को जमशेदपुर से पहले चंडीगढ़, फिर नई दिल्ली के लिए अपनी सेवाएं शुरू कर दीं। एयर डेक्कन का कुछ दिन बाद किंगफिशर ने अधिग्रहण कर लिया। जमशेदपुर-कोलकाता के लिए किंगफिशर रेड नाम से उड़ान शुरू हुई, पर वह बंद हो गई। अंतिम बार नौ जनवरी 2017 को नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने परिसदन में संयुक्त रूप से घोषणा की कि सोनारी एयरपोर्ट से जमशेदपुर-कोलकाता की उड़ान 24 फरवरी से शुरू होगी। तब से आज तक तारीख पर तारीख पड़ रही है।
2013 में बनी डीपीआर, नहीं बना ईस्टर्न-वेस्टर्न कॉरीडोर
ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए ईस्टर्न-वेस्टर्न कोरीडोर योजना बनी। जून 2013 में डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंिशयल सर्विसेज को दिया गया। 1600 करोड़ रुपये लागत भी घोषित कर दी गई। निर्माण कार्य अंजाम तक पहुंचाने के लिए सरकार ने सचिव स्तर की कमेटी बनाई। योजना है कि परसुडीह से फ्लाईओवर बनेगा, ताकि भारी वाहन सीधे एनएच-33 पर निकल जाएं। एक फ्लाईओवर एनएच-33 से गम्हरिया के लिए प्रस्तावित है। इसकी भरपाई मेरीन ड्राइव और आदित्यपुर टॉल ब्रिज से पूरी की गई, पर ईस्टर्न कोरीडोर अबतक अधर में है। 2017-18 के बजट में सरकार ने फ्लाईओवर बनाने की घोषणा की थी।
2013 से जारी अस्पताल की कवायद
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2013 से 500 बेड का अस्पताल खोलने की बात हो रही है। राज्य सरकार वर्ष 2017 में कैबिनेट से मंजूरी दे चुकी है। केंद्र और राज्य सरकार की टीम ने गत वर्ष स्थल निरीक्षण किया था। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की आपत्ति के बाद कॉलेज में नया अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया है। योजना कब पूरी होगी, किसी को
दोमुहानी से हल्दिया तक नदी में नहीं चला जहाज
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने वर्ष 2016 में कहा था कि जमशेदपुर में दोमुहानी से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक स्वर्णरेखा में पानी का जहाज चलाया जाएगा। मंत्रलय ने जल संसाधन विभाग को पत्र भेजकर स्वर्णरेखा नदी में मंत्रलय की बिना अनुमति के कोई नया ढांचा नहीं बनाने को कहा था। पर, प्रशासन ने पत्र को कूड़ेदान में डाल दिया। स्वर्णरेखा नदी पर चार-पांच पुल बनाए जा चुके हैं। नदी में जहाज चलाने की योजना जमीन पर नहीं उतर पाई है।
नहीं बना अंतरराज्यीय बस अड्डा
जिला उपायुक्त रहे डा. अमिताभ कौशल ने शहर में अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाने की योजना बनाई थी। वर्ष 2014-15 में इसे नगर विकास विभाग की मंजूरी मिली। पर एक जगह 15 एकड़ जमीन नहीं मिलने की वजह से अबतक यह ठंडे बस्ते में है। दस करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित इस बस अड्डे के लिए जिला प्रशासन भूमि उपलब्ध नहीं करा पा रहा। यह तब है, जब बड़ाबांकी से स्वर्णरेखा कॉलोनी तक में जमीन चिह्न्ति करने का काम हो चुका है। इस सपना के पूरा होने का भी इंतजार है।
राशि आवंटन के बावजूद डेयरी प्रोजेक्ट अधर में
समूचे कोल्हान प्रमंडल में आज भी सुधा डेयरी ही पैकेटबंद दूध की आपूर्ति करती है। यह बिहार की डेयरी है। राज्य सरकार ने जमशेदपुर में 50 हजार लीटर क्षमता वाली डेयरी प्लांट लगाने की घोषणा कर 2017-18 के बजट में इसके लिए राशि भी आवंटित कर दी थी, लेकिन यह प्रोजेक्ट अधर में है।
दलमा में अबतक नहीं बना रोपवे
दलमा वन अभ्यारण्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पांच अगस्त 2014 में रोपवे बनाने की घोषणा हुई थी। तब वन महोत्सव में तत्कालीन रीजनल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फारेस्ट केके चटर्जी ने कहा था कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग ने यह योजना बनाई है। उन्होंने पिंड्राबेड़ा में गेस्टहाउस और मकुलाकोचा में रिसोर्ट वर्ष 2017 तक बना लेने का दावा था।
टाटा-रांची सीधी रेल सेवा कई साल से ठंडे बस्ते में
कांड्रा-नामकुम नई रेल लाइन बनाने की योजना 2015 में बनी थी। इसके लिए सर्वे भी हो चुका है। इस रेल लाइन के बिछने के बाद जमशेदपुर से रांची की दूरी कम हो जाएगी। लोग एक घंटे में टाटा से रांची पहुंच जाएंगे। यह योजना कब शुरू होगी। कैसे पूरी होगी। कब पूरी होगी। इसकी चिंता किसी को नहीं है।
नहीं बिछा पाए पटमदा से झाड़ग्राम तक रेल लाइन
सांसद विद्युत वरण महतो ने वर्ष 2014 में लोकसभा में मांग की थी कि चांडिल से पटमदा, बांदवान होते हुए झाड़ग्राम तक रेल लाइन बिछाकर पैसेंजर ट्रेन चलाई जाए। सांसद ने कहा था कि इस संबंध में उनकी रेलमंत्री से बात हो चुकी है। लेकिन अबतक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। यह योजना इलाके लिए काफी महत्वपूर्ण थी। कब शुरू होगी, पता नहीं।
वर्ष 2011 से ही सरकार खोल रही है कैंसर अस्पताल
यूं तो जमशेदपुर में कैंसर के इलाज के लिए मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल पहले से है, लेकिन यह प्राइवेट है। केंद्र सरकार ने यहां वर्ष 2011 में 50 बेड का कैंसर अस्पताल खोलने की बात कही थी। इसका नक्शा भी तैयार कर लिया गया है। दोमंजिला भवन के ग्राउंड फ्लोर में ओपीडी, थेरेपी सेंटर, वेटिंग हॉल, रिकॉर्ड रूम सहित अन्य सुविधाएं होंगी। ऊपर 50 बेड का वार्ड होगा। इसमें महिलाओं पुरुषों के लिए 25-25 बेड होंगे। यह अस्पताल कब खुलेगा, यह बताने वाला कोई नहीं है।
दस वर्ष बाद भी नहीं मिला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
जमशेदपुर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा की मांग दस वर्ष से हो रही थी। धरातल पर इसकी कवायद वर्ष 2014 में शुरू हुई। आदित्यपुर टॉल ब्रिज के पास गम्हरिया से कांड्रा के बीच स्थल चयनित हुआ। इसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी टीम ने निरीक्षण कर मंजूरी दे दी। ग्रामीणांे ने जब भूमि अधिग्रहण का विरोध किया तो जिला प्रशासन ने चाकुलिया, फिर धालभूमगढ़ का रूख किया। हवाई अड्डा कब बनेगा, पता नहीं।