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चिकित्सक दिवस पर जानिए धरती के भगवान की बढ़ती चुनौतियों के बारे में... पढ़िए कैसे अपने तनाव को दूर करते हैं डॉक्टर

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर शहर के जाने-माने आयुर्वेदाचार्य एवं लाइफस्टाइल कंसल्टेंट डा. नीना गुप्ता कहती हैं कि मरीजों की बेहतर सेवा आप तभी कर पाएंगे जब आप स्वस्थ होंगे। अभी तनाव हर किसी पर किसी न किसी रूप से हावी है।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 08:54 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 08:54 AM (IST)
चिकित्सक दिवस पर जानिए धरती के भगवान की बढ़ती चुनौतियों के बारे में... पढ़िए कैसे अपने तनाव को दूर करते हैं डॉक्टर
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर जानिए, कैसे अपना तनाव दूर करते हैं डॉक्टर।

जमशेदपुर, (अमित तिवारी)। न हम थकेंगे, न हम झुकेंगे, जिंदगी देश के नाम करेंगे। जी हां, धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों के सामने चुनौतियां तो बढ़ी है, लेकिन उनकी सेवा-भाव की ललक बिल्कुल भी कम नहीं हुई है। हां, मरीजों की बढ़ती संख्या और चिकित्सकों की कमी से रिश्तों में दरार जरूर आई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के राष्ट्रीय शाखा की ओर से करायी गई एक सर्वे में करीब 82.7 प्रतिशत डाक्टर अपने पेशे में तनावग्रस्त मिले हैं। यह स्थिति चिंताजनक है। इससेनिजात पाना जरूरी है। अन्यथा इलाज के साथ-साथ चिकित्सकों के सेहत पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। इसी उद्देश्य के साथ अब शहर के चिकित्सक भी अपने दिनचर्या में बदलाव किए हैं। क्योंकि तनाव से बाहर निकलना हर किसी के लिए जरूरी है। ऐसे में शहर के कई चिकित्सक अपने कर्मियों के साथ समय निकालकर योग कर रहे हैं तोकोई गीत-संगीत सुन और गा रहा है। चिकित्सकों की जिंदगी में यह नया बदलाव देखने को मिल रहा है। ताकि उनके सेवा-भाव में तनाव किसी तरह से बाधा नहीं बने।

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तनाव को नहीं होने दे हावी : डा. वनिता

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज के ट्यूटर डा. वनिता सहाय किसी तरह समय निकालकर अपने कर्मियों के साथ योग व प्राणायाम करती है। उनका कहना है कि तनाव हावी नहीं होने दें। अगर चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी तनाव में होंगे तो वे बेहतर चिकित्सा नहीं कर पाएंगे। ये परेशानी सिर्फ चिकित्सकों के साथ ही नहीं है बल्कि सभी के साथ हैं। चिकित्सकों को मानसिक रूप से स्वस्थ रहना काफी जरूरी है। लाकडाउन के बाद यह परेशानी और बढ़ी है। इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी के अनुसार लाकडाउन के बाद 74 प्रतिशत लोग किसी न किसी कारण से तनाव में पाया गया है।

संगीत से दूर हो जाता तनाव : डा. अशोक

टाटा मोटर्स अस्पताल के पूर्व चिकित्सक डा. अशोक जादोन कहते हैं कि तनाव को दूर करने के लिए संगीत एक अच्छा माध्यम है। मैं रोजाना गीत-संगीत सुनता और गाताभी हूं। खासकर कोरोना के बाद इसका रोल कई गुना अधिक बढ़ गया है। संगीत मानसिक तनाव दूर करने के साथ-साथ आधुनिक बीमारियां हाइपरटेंशन, क्रोनिक पेन सहित अन्य में भी लाभदायक है। मरीजों के अनुपात में चिकित्सकों की संख्या कम होने से तनाव जरूर बढ़ा है लेकिन उसे दूर करने का उपाय भी ढूंढने होंगे। तनावरहित होकर ही आप कोई भी काम बेहतर ढंग से कर सकते हैं।

तनाव से पेट में जन्म ले रही पथरी की समस्या : डा. नागेंद्र

गंगा मेमोरियल हास्पिटल के सर्जन डा. नागेंद्र सिंह इन दिनों खुद अपने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ योग व प्राणायाम करते दिखते हैं। वे कहते हैं कि दिनभर में कोई काम ऐसा करो जिससे तनाव आपके जिंदगी में हावी नहीं हो सकें। कोरोना के कारण लागू लाकडाउन के बाद परिस्थितियां तेजी से बदली है, लेकिन आप तनाव में नहीं आएं। यह जानकर हैरानी होगी कि तनाव से पेट में पथरी जन्म ले रहा है। बढ़ते तनाव के कारण आंत में खुलने वाली पित्त की नली सिकुड़ रही है और सही मात्रा में पित्त आंत में नहींपहुंच रहा है, जिससे थैली में पथर बन रहा है।

मरीजों को भी गीत गाने का देता हूं सलाह : डा. विनय

सोनारी निवासी सह फिजिशियन डा. विनय रंजन रोजाना मरीजों को देखने के बाद शाम में गीत गाते और संगीत सुनते हैं। वे कहते हैं कि मरीजों की सेवा भी करनी है औरखुद को स्वस्थ भी रखना है। अभी अधिकांश लोगों की जिंदगी में तनाव हावी हो गया है। ऐसे में मुझे गीत गाने के बाद काफी अच्छा महसूस होता है। मैं अपने मरीजों कोभी सलाह देता हूं कि गीत अवश्य सूने। इससे आप तनाव महसूस नहीं करेंगे। अगर आप तनावरहित होंगे तो कोई भी काम बेहतर ढंग से कर पाएंगे। मेरे द्वारा गाये हुए गीत यूट्यूब पर भी उपलब्ध है।

तनाव दूर करने के लिए करें सुखासन : डा. नीना

शहर के जाने-माने आयुर्वेदाचार्य एवं लाइफस्टाइल कंसल्टेंट डा. नीना गुप्ता कहती हैं कि मरीजों की बेहतर सेवा आप तभी कर पाएंगे जब आप स्वस्थ होंगे। अभी तनाव हर किसी पर किसी न किसी रूप से हावी है। ऐसे में रोजाना कम से कम दस मिनट तक सुखासन करें। तनाव को दूर करने के लिए यह फायदेमंद है। इस योगासन को करने सेआपका दिमाग शांत रहता है, जिससे तनाव दूर करने में सहायता मिलती है। आपका ध्यान केंद्रित होता है और एकाग्रता बढ़ती है। मैं अपने कर्मचारियों के साथ नियमित रूपसे इसे करता हूं। इससे रक्तसंचार भी बेहतर होता है।

कैंसर के इलाज में भी संगीत : डा. सुमंगला

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज माइक्रोबायोलाजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सुमंगला विश्वास कहती है कि मैं नियमित रूप से संगीत सुनती और गाती हूं। इसके बाद मैं तनावरहित महसूस करता हूं। तनाव से दूर रहने के लिए हर किसी को कुछ न कुछ जरूर करने चाहिए। संगीत सुनने से दिमाग को शांति मिलती है। वहीं, तनाव और अनिद्रा की समस्या से छुटकारा मिलती है। रोजाना सुबह-शाम कुछ देर तक संगीत सुनने से उच्च रक्तचाप की बीमारी में भी सुधार होता है। यहां तक की कैंसर के इलाज में भी संगीत को अपनाया जाता है।


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