Coronavirus Effect : कोरोना और लॉकडाउन के कारण आइपीएल पर संशय, बढ़ी चिंता Jamshedpur News
आइपीएल में बल्ला भांजने को बेकरार झारखंड के क्रिकेटर संशय की स्थिति में हैं। यही वह मौका होता है जब उन्हें अपनी प्रतिभा साबित करनी होती है ताकि राष्ट्रीय टीम में जगह बना सकें।
जमशेदपुर, जितेंद्र सिंह। कोरोना के कारण सभी खेल गतिविधियां स्थगित की जा चुकी हैं। जापान ने ओलंपिक 2020 को पहले ही रद करने की घोषणा कर दी है। अब भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआइ) के लिए कुबेर का खजाना साबित हो चुके इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बीसीसीआइ वेट एंड वाच की स्थिति में है।
ऐसी स्थिति में आइपीएल में बल्ला भांजने को बेकरार झारखंड के क्रिकेटर संशय की स्थिति में हैं। यही वह मौका होता है, जब उन्हें अपनी प्रतिभा साबित करनी होती है, ताकि राष्ट्रीय टीम में जगह बना सकें। लेकिन कोरोना ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। जमशेदपुर के विराट सिंह को सनराइजर्स हैदराबाद ने 1.90 करोड़ में खरीदा था। सौरभ तिवारी को 50 लाख में मुंबई इंडियंस ने अपनी टीम में शामिल किया था। इसके अलावा शाहबाज नदीम व अनुकूल राय को क्रमश: दिल्ली डेयरडेविल्स व मुंबई इंडियंस ने खरीदा था।
ओलंपिक पदक पाने का सपना टूटा
कोरोना ने हर किसी की जिंदगी पर प्रभाव डाला है। अभी से ही इसका असर देखने को मिलने लगा है। टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के लिए भारतीय तीरंदाजी टीम जमकर अभ्यास कर रही थी। झारखंड की स्वर्णपरी दीपिका कुमारी, जयंत तालुकदार व टाटा तीरंदाजी अकादमी की पूर्व प्रशिक्षु बोम्बयला देवी जबरदस्त फॉर्म में चल रही थी। इसी साल जून में विश्व तीरंदाजी का ओलंपिक क्वालीफायर होना था। सभी खिलाड़ी तैयारी में जुटे थे। पुणे में पिछले दो महीने से भारतीय तीरंदाजी शिविर का कैंप लगा था। लेकिन कोरोना की दीवार ने बर्लिन की राह रोक दी। तैयारियों पर ब्रेक लग गया। खिलाड़ियों को घर में कैद होना पड़ा। साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया। प्रशिक्षक भी आंसू बहा रहे हैं। फिर से खिलाड़ियों को फॉर्म में वापसी कराने का भागीरथ प्रयास करना होगा। उधर, टोक्यो ओलंपिक स्थगित होना खिलाड़ियों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है।
75 हजार करोड़ का नुकसान
विश्वयुद्ध में जितना नुकसान होता है, उससे कहीं अधिक कोरोना ने दुनिया को झकझोर दिया है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। इससे उबरने में वर्षो लगेंगे। इसी साल टोक्यो में 24 जुलाई से नौ अगस्त तक होनेवाले ओलंपिक को स्थगित कर दिया गया है। अगर स्थिति अच्छी रही तो अब अगले साल होगा। टोक्यो ने खेलों की मेजबानी पर लगभग 75 हजार करोड़ (12 अरब 60 करोड़ डालर) खर्च किया था। स्थगित होने से छह अरब डॉलर का अतिरिक्त खर्चा होगा। टोक्यो ओलंपिक से जापान को विदेशी पर्यटकों के अलावा कंस्ट्रक्शन बिजनेस में काफी वृद्धि की उम्मीद थी। विज्ञापन से होने वाले राजस्व के लिये चार साल में होने वाले खेल महाकुंभ का इंतजार करते हैं। जापान ने स्पॉन्सरशिप को ब्रॉडकास्टिंग डील को मिला अब तक तीन बिलियन डॉलर की डील की थी। यूएस टीवी, टीवी नेटवर्क एनबीसी ने अकेले ब्रॉडकास्टिंगके लिए 1.4 बिलियन डॉलर दिए थे।
खा-खाकर बढा रहे चर्बी
कोरोना का कहर खिलाड़ियों पर ऐसा टूटा कि अब खा-खा के चर्बी बढ़ा रहे हैं। जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बंद, जिम बंद, स्विमिंग पूल बंद। साथी भी बेगाना हो गए। फोन करने पर घर आने से मना करते हैं। कहते हैं, अतिथि तुम मेरे घर मत आओ। आओगे तो साथ में कोरोना ही लेकर आओगे। फील्ड में रहने वाला खिलाड़ी आज ऑफ द फील्ड हैं। घर में कैद है। बस एक ही काम बचा है, खाओ, खाओ और खाए जाओ। खाली दिमाग शैतान का घर। कई खिलाड़ी तो सोच रहे हैं सुमो पहलवान ही बन जाएं। ऐसे भी जो चर्बी बढ़ी है, उसे कम करने में काफी समय लगेगा। फिर दूसरा कॅरियर ही क्यों न चुन लिया जाए। वैसे भी इस देश में क्रिकेट में काफी प्रतियोगिता है। कौन मगजमारी करेगा। भारत में यह खेल भी नया होगा। खेल प्रशंसकों को नया टेस्ट भी मिलेगा। प्रायोजक भी मिल ही जाएंगे।