Move to Jagran APP

अब बिना टूथपेस्ट दांत चमकाएगा पुआल और कोयले का ब्रश

जल्द पुआल की डंडी से बना टूथब्रश आपके सामने होगा। खास बात यह है कि इसके लिए आपको अलग से टूथपेस्ट की जरूरत नहीं होगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 11:14 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 11:14 AM (IST)
अब बिना टूथपेस्ट दांत चमकाएगा पुआल और कोयले का ब्रश
अब बिना टूथपेस्ट दांत चमकाएगा पुआल और कोयले का ब्रश

जमशेदपुर, निर्मल प्रसाद। पुआल की डंडी और कोयला। इन दोनों वस्तुओं का जिक्र आने पर हो सकता है आपके जेहन में जलाने के अलावा इनका कोई और उपयोग नजर न आता हो। अब नई सोच और तकनीक इसका नया उपयोग सामने लेकर आई है, वह भी आम के आम गुठलियों के भी दाम की तर्ज पर। जमशेदपुर की कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) की ईकाई यंग इंडियंस (वाइआइ) का आइडिया सफल हुआ तो बहुत जल्द पुआल की डंडी से बना टूथब्रश आपके सामने होगा।

loksabha election banner

अपने प्राकृतिक गुणों के कारण ये दोनों ही पदार्थ न सिर्फ आपके दांतों को सेहतमंद बनाएंगे बल्कि आप प्लास्टिक के उपयोग से भी बच सकेंगे। और तो और इस ब्रश से दांत साफ करने के लिए अलग से टूथपेस्ट की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे केवल गीला कर दांतों पर घिसने से दांत कोयले के चूर्ण से साफ हो जाएंगे। दांतों पर घिसने से कोयले के चूर्ण से बना ब्रश भी कुछ अंतराल बाद धीरे-धीरे स्वत: नष्ट होता जाएगा। यंग इंडियंस की योजना इसे मात्र 25 रुपये में उपलब्ध कराने की योजना है। वहीं कई ई कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट पर यह 600 से 800 रुपये तक ऑनलाइन बिक रहा है।

निवेशक की तलाश

इस प्रोजेक्ट के लिए यंग इंडियंस को ऐसे उद्योगपति की तलाश है जो निवेश कर सके। संस्थान उन्हें तकनीक के साथ-साथ बाजार भी उपलब्ध कराएगा। पुआल और कोयले के चूर्ण से बना यह टूथब्रश पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल होगा, जिसे आसानी से री-साइकिल किया जा सकेगा। जमीन में भी इसे दबाने पर यह जल्द ही खाद के रूप में तब्दील हो जाएगा। इसमें अंश मात्र भी प्लास्टिक कण का इस्तेमाल नहीं होगा।  

औसतन 280 टूथब्रश का इस्तेमाल

औसतन एक व्यक्ति पूरे जीवन में 280 प्लास्टिक से बने टूथब्रश का इस्तेमाल करता है। प्लास्टिक के टूथब्रश से पर्यावरण को हो रहे नुकसान का अंदाजा इसी से लग सकता है कि जमीन में दबे प्लास्टिक के टूथब्रश को गलने (डिकंपोज) में भी 500 साल से ज्यादा लगेंगे। 

ऐसे बनेगा टूथब्रश

धान के पुआल को हाई प्रेशर में मोल्ड कर डंडी का रूप दिया जाएगा, जबकि कोयले के चूर्ण और ग्रेफाइट के तरल रूप को हाई प्रेशर के साथ छोटे-छोटे छेद से गुजारकर ब्रश की तरह से रेशा निकला जाएंगे। अब इसके बाद इसे निश्चित आकार में काटकर टूथब्रश का रूप दिया जाएगा।  

ईको फ्रेंडली है टूथब्रश

स्वच्छ भारत और मेक इन इंडिया के तहत ईको फ्रेंडली टूथब्रश का निर्माण के बारे में हम विचार कर रहे हैं। अगर कोई उद्यमी सामने आता है तो यंग इंडियंस की टीम उन्हें तकनीक और बाजार उपलब्ध कराएगी। सरकार इस तरह के उत्पादों पर जीएसटी शून्य कर दे तो ऐसे उत्पादों के दाम कम होंगे तो इसकी डिमांड भी बढ़ेगी। 

-दिव्यांशु सिन्हा, पूर्व चेयरमैन, यंग इंडियंस, झारखंड


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.