अब 8 दिसंबर को एनसीएलटी में होगी इंकैब कर्मियों के मामले में सुनवाई Jamshedpur News
वर्षों से बंद पड़ी इंकेब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) के अधिग्रहण मामले में एक बार फिर शुक्रवार को नेशनल कंपनी ऑफ ट्रिब्यूनल एनसीएलटी में सुनवाई हुई। इसमें कर्मचारियों की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी को बताया कि परिसमापक...
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । वर्षों से बंद पड़ी इंकेब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) के अधिग्रहण मामले में एक बार फिर शुक्रवार को नेशनल कंपनी ऑफ ट्रिब्यूनल एनसीएलटी में सुनवाई हुई। इसमें कर्मचारियों की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी को बताया कि परिसमापक (लिक्विडेटर) ने एक ओर मनमाने ढंग से इंकैब कर्मचारियों के वेतन बकाये संबंधी कानूनी दावों को गैरवाजिब तरीके से निरस्त किया है और दूसरी ओर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा छह जनवरी 2016 के आदेश में बैंकों का बकाया 21.63 करोड़ तय करने के बावजूद, परिसमापक ने कमला मिल्स, फस्का इन्वेस्टमेंट और पेगाशस असेट रीकंस्ट्रक्शन के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर उक्त देनदारी को अविश्वसनीय ढंग से बढ़ा कर 2338.84 करोड़ कर दिया है।
कर्मचारियों के अधिवक्ताओं ने एनसीएलटी को यह भी बताया कि एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने अपने सात फरवरी 2020 के आदेश के पैरा 72 के द्वारा परिसमापक को कमला मिल्स और उसके निदेशक रमेश घमंडीराम गोवानी द्वारा इंकैब कंपनी के खिलाफ किये गये बड़े फर्जीवाड़े और सौ करोड़ से अधिक के गबन की जांच करने के लिए कहा था पर परिसमापक ने दुर्भावनाजनित कारणों से कोई जांच नहीं की।
अधिवक्ताओं को सुनने के उपरांत राजशेखर और सूरी की बेंच ने परिसमापक को कर्मचारियों के आवेदन के आलोक में एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया और अगली तारीख आठ दिसंबर की मुकर्रर की। कर्मचारियों की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और आकाश शर्मा ने जिरह की। जानकारी हो कि कंपनी के कर्मचारियों की ओर से उनके बकाये राशि की जानकारी परिसमापक को दी गई है।