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सुनिए वित्त मंत्री जी: जिले में अब नया पावर प्लांट लगाना जरूरी Jamshedpur News

बिजली व्यवस्था की स्थिति सुधारने को यूनियन-कर्मचारियों ने सुझावों की झड़ी लगा दी है। कहा क‍ि अब जिलों में पावर प्‍लांट लगाना ही वक्‍त का तकाजा है। ये रहे प्रमुख सुझाव।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 03:48 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 03:48 PM (IST)
सुनिए वित्त मंत्री जी: जिले में अब नया पावर प्लांट लगाना जरूरी Jamshedpur News
सुनिए वित्त मंत्री जी: जिले में अब नया पावर प्लांट लगाना जरूरी Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  झारखंड में बिजली व्यवस्था की स्थिति काफी खराब है। इसको यदि सुधारना है तो सबसे पहले झारखंड में ही बिजली उत्‍पादन करना होगा। आज स्थिति यह है कि फुल लोड में जहां झारखंड में 1400-1500 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है, जबकि उत्पादन होता है मात्र 500 मेगवाट।

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बाकी लगभग 1000 मेगावाट बिजली बाहर से महंगे दर पर खरीद की जाती है। इससे झारखंड की आर्थिक स्थिति पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। यदि इसमें सुधार लाना है तो वित्तमंत्री को आम बजट में जिले में पावर प्लांट लगाना होगा। इसी तरह एमजीएम अस्पताल में बीते 18 साल से अस्थायी कर्मचारियों को भी समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। इस संबंध में यूनियन नेताओं से की गई बातचीत के प्रमुख अंश।

  • सूबे में बिजली व्यवस्था सुधारनी है तो पतरातू को एनटीपीसी से वापस लेना होगा। केंद्र सरकार बड़ी राशि से पतरातू थर्मल पावर स्टेशन में एक पावर प्लांट लगा दें, जिसे बोर्ड चलाएगा। नया प्लांट बना देने से झारखंड में बिजली की आवश्यकता तो पूरी होगी ही, हम सरप्लस बिजली दूसरे राज्यों को भी दे सकेंगे।
  • -केएन सिंह, कार्यकारी महामंत्री, झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन
  • झारखंड में करोड़ों रुपये की बिजली चोरी होती है। इसे रोकने के लिए प्रीपेड मीटर लगाना होगा। प्रीपेड मीटर खरीदने में एक बार मोटी रकम जरूर खर्च होगी, लेकिन इसका बेहतर परिणाम तत्काल मिलेगा। अभी ऐसा न होने से अक्सर ग्राहकों को तो समस्या होती ही है, विभाग को भी कई बार भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
  • -रामकृष्णा सिंह, महामंत्री, झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन
  • जमशेदपुर व रांची की बिजली व्यवस्था निजी कंपनियों को देने का प्लान है। इसकी जगह केंद्र सरकार को झारखंड राज्य बिजली निगम को आर्थिक मदद करनी चाहिए। इसके अलावा केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर प्रीपेड मीटर लगाने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करे तो बेहतर परिणाम आएंगे। इस दिशा में सोचा जाना चाहिए।
  • -सुरेश प्रसाद सिन्हा, सचिव, झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन
  • केंद्र सरकार हर साल सरकारी मेडिकल कालेज व अस्पताल सुधारने के लिए राज्य को बड़ी राशि उपलब्ध कराती है, लेकिन धरातल पर उसका लाभ नहीं दिखता। एमजीएम अस्पताल में भी छात्रों की सीट व सुविधा बढ़ाने की बात होती है, लेकिन एमसीआइ की रिपोर्ट के बाद भी कुछ नहीं होता। किसी को इसकी परवाह नहीं है।
  • ऊषा देवी, अध्यक्ष, एमजीएम अस्पताल अस्थाई सफाई कर्मचारी संघ
  • आयुष्मान योजना को सफल बनाने के लिए एमजीएम अस्पताल को भी ठीक करना जरूरी है। केंद्र सरकार को यह देखना चाहिए कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के मद में जो राशि लेती है, उसका खर्च कैसे होता है। सरकार को एक विशेष पैकेज एमजीएम अस्पताल के लिए देना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य सेवा अन्य राज्यों की तरह मिले।
  • -रवि नामता, सचिव, एमजीएम अस्पताल अस्थाई सफाई कर्मचारी संघ

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