Covid 19 : हर सर्दी-बुखार कोविड नहीं, घर पर ही रहें क्वारंटाइन
Covid 19. मानसून के समय होने वाले वायरल के कारण भी कई लोगों को सर्दी खांसी और बुखार होते हैं। इसलिए ऐसा होना कोविड वायरस नहीं है।
जमशेदपुर, जासं। मानसून के समय होने वाले वायरल के कारण भी कई लोगों को सर्दी, खांसी और बुखार होते हैं। इसलिए ऐसा होना कोविड वायरस नहीं है। यदि किसी को ऐसी समस्या है तो एमजीएम या टीएमएच आने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें। खुद को घर पर ही परिवार से अलग कर क्वारंटाइन के नियमों का पालन करें। यदि पांच दिन बाद भी बुखार नहीं उतरे तो ही कोविड सेंटर आएं।
शनिवार शाम कोविड 19 संक्रमण के विषय पर विशेष जानकारी देते हुए टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) के महाप्रबंधक डॉ. राजन चौधरी ने यह जानकारी दी। बकौल डॉ. चौधरी, शहर में मानसून के कारण होने वाले वायरल फीवर के कारण भी लोग जांच के लिए टीएमएच व एमजीएम पहुंच रहे हैं। इसके कारण उनके पास जांच कराने वाले मरीजों की वेटिंग बढ़ती जा रही है। इसलिए 99 से 100 तक तक बुखार हो तो घबराए नहीं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सिम्टोमैटिक मरीजों के इलाज में टीएमएच फोकस कर रहा है। उन्होंने बताया कि वे जिस तरह की सुविधा दे रहे हैं उस पर वेल्लूर स्थित सीएमसी हॉस्पिटल भी कह चुका है कि टीएमएच मरीजों को बेहतर क्रिटिकल केयर की सुविधा दे रहा है।
मौत होने वाले मरीजों की औसतन उम्र 61 वर्ष
डॉ. चौधरी ने बताया कि अब तक टीएमएच में 90 मरीजों की मौत हुई। इनमें सभी की औसत उम्र 61 वर्ष है। उन्होंने बताया कि अभी तक 236 गंभीर मरीज टीएमएच में इलाज के लिए आए लेकिन 13 मरीज ही 24 घंटे से अधिक जीवित रह पाए। मरने वालों में केवल पांच मरीज ऐसे थे जिनकी मौत कोरोना पॉजिटिव से हुई जबकि शेष को पहले से रक्तचाप, मधुमेह, किडनी व हार्ट संबंधी अन्य बीमारियां थी। अभी तक 157 गंभीर मरीजों का इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है जबकि 34 अभी भी टीएमएच में इलाजरत हैं। डॉ. चौधरी ने बताया कि 700 में से एक मरीज ही पॉजिटिव होने के बाद निगेटिव हुआ और पांच दिन बाद फिर पॉजिटिव हो गया।
कांतिलाल को हैंडओवर मिलने के बाद ही कोविड बेड
टाटा स्टील, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन चीफ कुलवीन सूरी ने बताया कि मेडिका जब कांतिलाल ट्रस्ट को बिल्डिंग हैंडओवर करेगी। उसके बाद टीएमएच द्वारा वहां कोविड मरीजों के लिए 100 बेड की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए बातचीत चल रही है।
आंकड़ों पर एक नजर
- 1750 पॉजिटिव मरीज अभी तक पहुंचे टीएमएच में इलाज कराने के लिए
- 1157 मरीजों का हो चुका है डिस्चार्ज
- 66 फीसदी है मरीजों के ठीक होने की रिकवरी रेट
- 19464 आइटी-पीसीआर टेस्ट हो चुका है टीएमएच में
- 400 टेस्ट हर दिन हो रहे हैं अस्पताल में