टाटा मोटर्स कर्मी ने कहा- मैं समलैंगिक हूं, यह कहने में मुझे कोई शर्म नहीं..
सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ते हुए टाटा मोटर्स कर्मचारी प्रशांत ने कहा कि मैं समलैंगिक हूं, यह कहने में मुझे कोई शर्म नहीं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ते हुए टाटा मोटर्स कर्मचारी प्रशांत कुमार सिंह ताल ठोककर कहते हैं कि हां. मैं समलैंगिक हूं और यह कहने में मुझे कोई शर्म नहीं है।
24 जनवरी को मुंबई में मिस्टर गे इंडिया प्रतियोगिता हुई। इसमें बिहार-झारखंड से प्रशांत इकलौते उम्मीदवार थे। ग्रैंड फिनाले तक पहुंचने के बाद प्रशांत इसलिए हार गए क्योंकि उन्हें एसएमएस द्वारा बहुत कम वोट मिले। इसका दुख अब प्रशांत को साल रहा है और वे चाहते हैं कि जमशेदपुर में एक गे सोसाइटी बनाएं। वे चाहते हैं कि इसका प्रमोशन हो ताकि शहर में जिस तरह से विकलांग, वृद्ध और बच्चों की सोसाइटी हो वैसे ही गे सोसाइटी हो। जहां सभी एक साथ मिल सके, उनमें कुछ छिपी हुई प्रतिभा है उसे उभारा जा सके।
वे कहते हैं कि शुरू-शुरू में मुझे भी इसे लेकर काफी परेशानी हुई लेकिन जब समस्याओं से लड़कर जब आप आगे बढ़ते हैं तो सब सामान्य हो जाता है। मेरे परिवार वाले व दोस्त बहुत सपोर्टिव हैं जिसके कारण मैं खुलकर खुद को समलैंगिक कह सकता है। आज मुझे परिवार व दोस्तों ने स्वीकार कर लिया है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हमें अपना जीवन जीने का अधिकार दे दिया है फिर भी लोग सामने आने से डरते हैं। इसीलिए मैं ऐसे लोगों के मन से यह डर निकालना चाहता हूं। आज की दुनिया में काम सभी करते हैं। काम का सम्मान होना चाहिए। चाहे कोई भी करें। काम की बदौलत ही आपकी पहचान है। यह पहचान कायम रखना आपका काम है।