शौचालय का टोटा खत्म, इस शहर के मैदान में नहीं दिखता लोटा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन का ये नतीजा है कि अब जमशेदपुर शहर का कोई बंदा खुले में शौच करने नहीं जाता।
जमशेदपुर [मुजतबा हैदर रिजवी]। भुइयांडीह की आशा भुइयां और उसका परिवार पहले खुले में शौच करने स्वर्णरेखा नदी किनारे जाता था। अब आशा खुश है। वो अब नित्यक्रिया से निपटने के लिए नदी किनारे बने सामुदायिक शौचालय का सहारा लेती है। आशा बताती है कि पहले तो कुछ दिन तक सामुदायिक शौचालय का प्रयोग करना अच्छा नहीं लगता था। लेकिन, अब साफ-सुथरे माहौल में नित्यक्रिया करना ठीक लग रहा है। यहां हाथ सुखाने की मशीन भी लगी हुई है।
जिले में ये बदलाव अचानक ही नहीं आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन का ये नतीजा है कि अब शहर का कोई बंदा खुले में शौच करने नहीं जाता। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जमशेदपुर में 19 हजार 299 व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए हैं। इसके अलावा, शहर की विभिन्न बस्तियों में 62 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। इन बस्तियों से ही लोग खुले में शौच के लिए निकलते थे। इन बस्तियों में सामुदायिक शौचालय बन जाने से अब बस्ती के लोग बाहर शौच के लिए नहीं जाते हैं। यही नहीं, नदी किनारे सार्वजनिक शौचालय भी बनाए गए हैं। इसके चलते शहर ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त ) हो गया है।
कई घर शौचालय से महरूम, पर जिला ओडीएफ
जमशेदपुर संसदीय इलाके के ग्रामीण इलाकों में तस्वीर पूरी तरह उलट है। यहां सभी प्रखंडों में सैकड़ों मकान शौचालय से महरूम हैं। कई घरों में पहले कागज पर शौचालय बनाए गए थे। अब जांच में सामने आया कि यहां शौचालय है ही नहीं। इन्हें स्लिप बैक का नाम दिया गया और इन शौचालयों का निर्माण कराना टेढ़ी खीर हो गया क्योंकि सरकार इनके लिए कोई आवंटन नहीं दे रही है। विभागीय दावों के अनुसार जिले में एक लाख 45 हजार शौचालय बनाए गए हैं। जबकि, हकीकत में ऐसा नहीं है।
नहीं बन पाए साढ़े 13 हजार शौचालय
जिले में दो साल पहले बेस लाइन सर्वे कराया गया था। इसमें पता चला कि 16 हजार घरों में शौचालय नहीं हैं। इसके बाद इन घरों में शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया। इसमें से अब तक 3562 शौचालयों का निर्माण ही हो पाया है। इन शौचालयों के निर्माण के लिए सरकार की तरफ से आवंटन में दिक्कत होने की वजह से शौचालयों के निर्माण में दिक्कत हो रही है।
स्लिप बैक शौचालयों का निर्माण भी अधूरा
जिले में लगभग 50 हजार स्लिप बैक शौचालय का निर्माण होना है। ये शौचालय भी अधूरे हैं। इन शौचालयों के निर्माण के लिए भी प्रशासन के पास पैसा नहीं है। इसलिए इन शौचालयों को सीएसआर के तहत बनवाया जा रहा है। स्लिप बैक और बेसलाइन सर्वे का लक्ष्य पूरा हो जाने के बाद ही जिला ओडीएफ हो पाएगा।
बने डेढ लाख शौचालय
डेढ़ लाख शौचालय बनाए गए हैं। जिला अब खुले से शौच मुक्त हो गया है। अब मैदानों में गंदगी नहीं होती।
-शिशिर सोरेन, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
कहां कितने बने शौचालय
जमशेदपुर
- सामुदायिक शौचालय - 37
- सार्वजनिक शौचालय - 23
- व्यक्तिगत शौचालय - 14170
- मॉड्यूलर यूरिनल - 12
मानगो
- सामुदायिक शौचालय - 23
- सार्वजनिक शौचालय - दो
- व्यक्तिगत शौचालय - 4624
- मॉड्यूलर यूरिनल - सात
- यूरिनल - 24
जुगसलाई
- सामुदायिक शौचालय - दो
- सार्वजनिक शौचालय - दो
- व्यक्तिगत शौचालय - 505
- मॉड्यूलर यूरिनल - पांच