पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल के घर हुई चोरी में अब तक सुराग नहीं, दागियों से हो रही पूछताछ Jamshedpur News
पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल के कदमा आवास (71 केडी फ्लैट) में 14-15 जून की रात हुई चोरी में अबतक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस दागियों से पूछताछ कर रही है।
जमशेदपुर, जासं। पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल के कदमा आवास (71 केडी फ्लैट) में 14-15 जून की रात हुई चोरी में अबतक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस दागियों से पूछताछ कर रही है।
थाना प्रभारी रंजीत कुमार ने बताया चोरों तक पहुंचने के लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। अभी तक कुछ जानकारी नहीं मिल पाई है। चोरों ने पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल को भारत सरकार से मिला पद्मश्री अवार्ड ,नगद 20 हजार रुपये, चांदी के 15 सिक्के और कंप्यूटर के दो हार्ड डिस्क ले गए थ ।चोरों का पता लगाने के लिए पुलिस ने डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली है। इस संबंध में प्रेमलता अग्रवाल के पतिविमल अग्रवाल के बयान पर कदमा थाना में मामला दर्ज किया गया है।
पद्मश्री सम्मान 2013 में मिला था
प्रेमलता अग्रवाल को भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान 2013 में मिला था। घटना की रात प्रेमलता अग्रवाल के घर पर कोई नहीं था। प्रेमलता अग्रवाल अपने परिवार के साथ दूसरे आवास पर थीं। सोमवार की सुबह पांच बजे चोरी की घटना की जानकारी मिलने पर सिटी एसपी सुभाषचंद्र पहुंचे और जांच शुरू की थी। प्रेमलता के पति विमल अग्रवाल ने पुलिस को बताया था कि सोमवार की सुबह पांच बजे जब वे अपने 71 केडी फ्लैट आवास पर पहुंचे तो देखा कि मुख्य दरवाजा का कुछ हिस्सा टूटा हुआ है। ताला खोलकर घर के अंदर प्रवेश करने पर देखा कि मुख्य दरवाजा के ऊपर रोशनदान टूटा हुआ है। अंदर के कमरे का शीशा तोड़कर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया।
पर्वतारोहण करनेवाली भारत की पहली उम्रदराज हैं प्रेमलता
प्रेमलता अग्रवाल भारत की पहली उम्रदराज महिला हैं, जिन्होंने 48 साल की उम्र में 20 मई 2011 को एवरेस्ट का शिखर छुआ था। वहीं 50 वर्ष की उम्र में 23 मई 2013 को उत्तरी अमेरिका के अलास्का के माउंट मैकेनले को फतह करके उन्होंने नई उपलब्धि हासिल की। इस पर्वत शिखर पर चढ़ने वाली वह पहली भारतीय महिला हैं। सातों महाद्वीपों के शिखर पर चढ़ने वाली प्रेमलता एक कुशल गृहिणी हैं। उन्होने 35 वर्ष की उम्र के बाद पहली बार पर्वतारोहण से नाता जोड़ा। वर्ष 1984 में लगभग 29 साल की उम्र में एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला का गौरव हासिल करने वाली बछेंद्री पाल भी उनके अभियान की निगरानी कर रही थी। बछेंद्री के प्रोत्साहित किए जाने पर उन्होंने दार्जिलिंग से पर्वतारोहण की शिक्षा प्राप्त की है।