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मंडल के 3500 महिला रेलकर्मियों के लिए नहीं हैं चेंजिंग रुम

चक्रधरपुर मंडल में करीब 3500 महिला रेलकर्मी काम करती है लेकिन इन महिला रेलकर्मियों के लिए एक भी चेजिंग रुम नहीं है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 12:05 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 06:37 PM (IST)
मंडल के 3500 महिला रेलकर्मियों के लिए नहीं हैं चेंजिंग रुम

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। चक्रधरपुर मंडल में करीब 3500 महिला रेलकर्मी काम करती है लेकिन इन महिला रेलकर्मियों के लिए एक भी चेजिंग रुम नहीं है, जिसके कारण महिला रेलकर्मियों को अपनी ड्यूटी के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है। टाटानगर, बंडामुंडा, चक्रधरपुर सहित अन्य स्टेशनों में कार्यरत महिला रेलकर्मी दूर दराज से काम करने के लिए रेलवे स्टेशन सहित रेलवे के अन्य विभागों में आते है।

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न ही बैठने और न ही टिफिन खाने की व्यवस्था 

टाटानगर में करीब 800 महिला रेलकर्मी, बंडामुंडा में करीब 500 महिला रेलकर्मी व चक्रधरपुर में सबसे ज्यादा महिला रेलकर्मी कार्यरत है। इन महिला रेलकर्मियों को टिफिन टाइम में रेलवे द्वारा अपना कोई रुम उपलब्ध नहीं कराया गया है, जहां बैठकर वे लोग भोजन कर सके  या कुछ देर आराम कर सके। ड्यूटी आवर में यह महिला रेलकर्मी अपने दफ्तर में ही  यात्रियों व अन्य के सामने बैठकर टिफीन खाने के लिए मजबूर है। 

महिलाओं के लिए चेंजिंग रुम बनाने के लिए मेंस कांग्र्रेस के पदाधिकारियों ने कई बार आंदोलन किया और पत्राचार किया। लेकिन सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन महिला रेलकर्मियों व मेंस कांग्र्रेस के नेताओं को दिया जा रहा है। 

बड़े स्टेशनों में महिलाओं के लिए रुम अनिवार्य 

दक्षिण पूर्व रेलवे के बड़े स्टेशनों में महिलाओं के लिए चेजिंग रुम व बैठने के लिए अलग से रुम की व्यस्था करने का नियम है लेकिन टाटानगर स्टेशन ए वन स्टेशन होने के बावजूद यहां महिला रेलकर्मियों के लिए एक चेंजिंग रुम तक नहीं है। 


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