मां गई जेल तो बेटी ने संभाला खास कारोबार, टर्नओवर जानकर रह जाएंगे हैरान
आदित्यपुर में ब्राउन शुगर का कारोबार जेल में बंद किंगपिन डॉली परवीन की पुत्री निशा आगे बढा रही है। निशा ने आदित्यपुर ही नहीं बल्कि जमशेदपुर में भी ब्राउन शुगर कारोबार बढाने के लिए अपनी एक टीम तैयार कर लिया है।
आदित्यपुर, चंदन। कहते हैं-बेटियां बेटों से कम थोडे ही न है। यह पंक्ति नेकनामी के संदर्भ में है। लेकिन इस बेटी की कहानी अलहदा है। मां की नेकनामी नहीं थी सो बेटी की भी नहीं है। हां, यह सोलहों आने सच है कि यह बेटी अपनी मां के नशे का कारोबार बखूबी संभाल रही है। नाम है निशा। लाखों का टर्नआेवर है। जहां तक पुलिस की बात है निशा की शातिरदिमागी के आगे बेबस है।
जमशेदपुर से सटे सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर में ब्राउन शुगर का कारोबार जेल में बंद किंगपिन डॉली परवीन की पुत्री निशा आगे बढा रही है। निशा ने आदित्यपुर ही नहीं, बल्कि जमशेदपुर में भी ब्राउन शुगर कारोबार बढाने के लिए अपनी एक टीम तैयार कर लिया है। टीम शहर के कोने- कोने तक टीम के द्वारा ब्राउन शुगर पहुंचाया जाता है। डॉली परवीन की पुत्री निशा के अलावा इस कार्य में डॉली का भाई चौधरी एवं साबिर भी हाथ बंटा रहा है। वही जावेद नामक एक युवक भी ब्राउन शुगर के कारोबार में मददगार है। वर्तमान समय में ब्राउन शुगर का एक पुड़िया में 120 रुपये में बेचा जाता है जिससे लाखों की कमाई हो रही है।
ब्राउन शुगर की बस्ती में होती है पैकिंग
आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती के एक दर्जन से ज्यादा ऐसे घर हैं जहां कारोबार का संचालन होता है। बाहर के लोग बस्ती में आकर ब्राउन शुगर खरीदते हैं। बस्ती में ब्राउन शुगर का पुड़िया तैयार किया जाता है। उसके बाद जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्राें में इसकी आपूर्ति की जाती है। वर्तमान समय में पूरे कोल्हान में ब्राउन शुगर की आपूर्ति का मुख्य केंद्र मुस्लिम बस्ती आदित्यपुर बना हुआ है।
आदित्यपुर के लोगों में नाराजगी
ब्राउन शुगर के इस काले कारोबार से आदित्यपुर की आम जनता में प्रशासन के प्रति काफी नाराजगी व्याप्त हो गयी है। बीते 12 जनवरी को एस टाइप की बैठक में उप महापौर अमित सिंह समेत कई लोगों ने ब्राउन शुगर कारोबार को समाप्त करने की जोरदार वकालत की। हाल ही एक युवक ने नशे की लत के कारण आत्महत्या कर ली थी। काफी संख्या में युवा नशे के कारण बर्बाद हो रहे हैं।
निगरानी टीम भी है
ब्राउन शुगर कारोबारी ने निगरानी टीम भी बना रखी है। टीम में छोटे बच्चों से लेकर महिलाएं भी शामिल होती हैं। उनके द्वारा बस्ती में आने -जाने वाले एक एक व्यक्ति की जानकारी निशा को तुंरत दे दी जाती है। इसके कारण पुलिस के आने से पूर्व ही मौके से ब्राउन शुगर काे हटा लिया जाता है।
प्रतिदिन लाखों का होता है कारोबार
आदित्यपुर से लेकर जमशेदपुर के कोने-कोने तक प्रतिदिन लाखों का ब्राउन शुगर का कारोबार किया जाता है। इसका एक हिस्सा पुलिस तक पहुंचने की बात कही जाती है। ज्यादा दबाव पड़ने पर पुलिस के द्वारा छापामारी कर कुछ लोगों को जेल भेजा जाता है। मामला शांत होने के बाद फिर वैसे ही कारोबार चलता रहता है।